अवध महोत्सव
अवध महोत्सव के पांचवें व अंतिम दिन अवधी परिधानों को देखने का अवसर मिला। प्रतियोगिताएं में भाग ले रही महिलाओं और पुरुषों ने नई पीढ़ी को अपने पुराने अवधी परिधानों से परिचित कराया। वहीं कथक में सवाल-जवाब हुए तो कबीरदास की वाणी को साज के साथ पेश किया गया। युवाओं ने भगवान श्री राम के भजन को पश्चिमी वाद्यों के साथ सुनाया। इसी के साथ 18 मार्च से लखनऊ के गोमती नगर स्थित उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी में शुरू हुआ पांच दिवसीय अवध महोत्सव सम्पन्न हो गया। मुख्य अतिथि प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दीप प्रज्जवलित कर समापन समारोह का उद्घाटन किया। उन्होंने महोत्सव की अवधि में हुई विभिन्न प्रतियोगितों के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया। महोत्सव का आयोजन पर्यटन विभाग एवं उप्र एसएनए की ओर से किया गया।
इस अवसर पर संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ने महोत्सव पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि अवधी संस्कृति हमारे में रची बसी है। हमारी संस्कृति पर कई आक्रांताओं ने हमले किए, लेकिन हम अपनी संस्कृति संरक्षित रखने कामयाब रहे हैं। हम सभी लोग और सरकार भी संस्कृति के सवंर्धन काम कर रही है। हम अपनी अवधी संस्कृति को संरक्षित रखें। इसके संवर्धन करने का काम करें। उन्होंने कहा कि अवधि संस्कृति की पहचान विदेशों तक में है, इसलिए ऐसे कार्यक्रम हमेशा होते रहने जरूरी हैं। इस अवसर पर उन्होंने नवसंवत्सर और नवरात्र की बधाई भी दी।
इससे पहले, उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी के निदेशक तरुण राज ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और बताया कि इस बार पांच दिवसीय महोत्सव मंत्री जी की प्रेरण से ही हुआ है। उन्हीं की प्रेरणा से इस बार पंतगबाजी, शतरंज प्रतियोगिता, अवधि खान-पान प्रतियोगिता व परिधान आयोजित की गई।
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने मुख्य अतिथि को मोमेंटो व शॉल ओढाकर स्वागत किया। उन्होंने बताया कि शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में इस अकादमी परिसर में 23 व 24 तारीख को कार्यक्रम किया जाएगा। इसके 31 तारीख तक शहर में अलग-अलग जगहों पर लगातार कार्यक्रम होते रहेंगे। 27 तारीख को कोई कार्यक्रम नहीं है।
सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत वाराणसी से आए कथक नर्तक रूद्र शंकर मिश्रा और उनके साथियों की ओर से प्रस्तुत शिवोहम् से हुआ। इसमें उन्होंने भगवान शिव का आह्वाहन किया। शिव तांडव ’जटा तवी... पर नृत्य प्रस्तुति दी। इसके बाद ड्ऱम की ताल पर शिव श्रृंगार के अंग जैसे सर्प, त्रिशूल की नृत्य में आकृतियां बनाई। साथ ही ड्रम और पैरों में बंधे घंुघरू के बीच हुए सवाल-जवाब का दर्शको ने तालियां बजाकर प्रशंसा की।
दूसरी प्रस्तुति मे संतं कबीरदास जी के दर्शन को प्रयागराज से आए गायक विवेक विशाल ने संगीत में प्रस्तुत किया। उन्होंने बड़ा ही प्रचलित भजन ’ कछु लेना न देना, मगन रहन... गाया तो श्रोता झूम उठे। उसके बाद ’ मन लागो मेरो यार फकीरी में....और भजन ’हंसा ये पिंजड़ा नहीं तेरा गाया तो श्रोताओं ने तालियां बजाकर प्रशंसा की। इनके साथ पवनराज और विशाल गुप्ता ने गायन में साथ दिया। वहीं बेस गिटार पर पवनराज, तबले पर नीरज कुमार व ढोलक पर संदीप व की-बोर्ड पर शरद ने साथ दिया।
महोत्सव में बहराईच से आए बावरे सुफी बैंड के कलाकारों ने पूरे साज के साथ श्रीराम के भजन को सूफियाना अंदाज में गाया। उनकी पहली प्रस्तुति ’ सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आए है....। इसकी प्रस्तुति पर गायक को खूब वाह-वाहि मिली। दूसरा गीत ’ तू माने या न माने दिलदारा... गाया। बैंड के कलाकारों में जसबीर सिंह, शिवम व काजल थीं। इनका ग्याहर कलाकारों का बैंड था। वहीं चंडीगढ़ से आए देश के मशहूर कव्वाली गायक परवेज बबलू, शाहरूख खान व परवेज हसन, जिन्हें लोग अली ब्रदर्स के नाम से जानते हैं, ने सुनाया ’ दमदम मस्त कलंदर, मस्त मस्त....इसके बाद तुम्हे दिल्लगी भुलानी पड़ेगी...। और इसके बाद काली जुल्फें ्रगाया तो उन्होंन संभा बांध दिया। इसके अलावा उन्होंने दूसरी बहुत से कव्वालियां भी सुनाई।
इसके अलावा महोत्सव में दो वर्गो में हुई अवधी परिधान प्रतियोगिता सीनियर वर्ग में दीप्ति सक्सेना ने बाजी मारी। वहीं नेहा सिंह व दीपा श्रीवास्तव क्रमशः द्वितीया व तृतीय स्थान पर रहीं। वहीं जूनियर वर्ग में प्रियांशी वर्मा प्रथम, प्रियांशी पाल द्वितीया व अभय सिंह तृतीय स्थान पर आए। प्रतियोगिता का संयोजन निधि श्रीवास्तव ने किया। इसमें जज की भूमिका मेें मो. सैफ व अमृत शर्मा थे।
सीनियर वर्ग में प्रथम आईं दीप्ति ने बताया कि उन्होंने अवध की बेगम हजरत महल का गेटअप लिया हुआ था। साथ ही नवाबीन कालीन गहने भी पहने हुए थे। चूकि बेगम साहिबा ने आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी, इसलिए इनका गेटअप करना अच्छा भी लगा। जूनियर वर्ग की द्वितीय विजेता प्रियांशी पाल ने लाल चिकन कुर्ता पहना हुआ था। तृतीय स्थान पर आए अभय सिंह धोती कुर्ता पहन कर रैम्प पर चले। दीपा श्रीवास्तव ने अवधी परिधान में सीधे पल्ले की साडी व सिर से दादिया सास की ओढनी डाल रखी थी। नेहा सिंह ने गोल घेरे का लहंगा पहना हुआ था। इस प्रतियोगिता में अवध क्षेत्र में पहने जाने वाले अलग-अलग परिधान देखने को मिले।
अवधी व्यजंन प्रतियोगिता में वर्षा कुमारी ने कटहल बिरयानी बनाकर पहला स्थान पाया। दूसरे स्थान पर रही तन्वी खन्ना ने कद्दू की खीर का स्वाद चखाया था। वहीं सुनीता अग्रवाल ने अवधी थाली परोस कर व लच्छा कटोरी चाट बनाकर तृतीय स्थान पाया। इसका संयोजन शेफ इज्जत हुसैन ने किया था।
पतंग प्रतियोगिता के फ़ाइनल मे पहला इनाम फूलबाग काईट क्लब ,दूसरा इनाम हीरो काईट क्लब,तीसरा इनाम स्टार विंगस काईट क्लब और चौथा इनाम अंकित काईट क्लब को मिला। यह जानकारी संयोजक ऑक्सीजन मैन के नाम से प्रसिद्ध राजेश कुमार जायसवाल ने दी।