वाटर टैक्सी
वाराणसी में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक अब गंगा नदी में वाटर टैक्सी का भी आनंद ले सकेंगे। गंगा में ई-बोट, लक्जरी क्रूज और कार्गो पहले से ही चल रहे हैं। पर्यटकों की सुविधा के लिए 10 फ़ैसिलिटी बोट भावनगर गुजरात से वाराणसी के लिए रवाना हो चुके हैं। भावनगर, गुजरात की संस्थाएं “शीप रीसाइक्लिंग इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन-इंडिया” एवं “गुजरात शीप ब्रेकर्स अर्थक्वेक रिलीफ़ ट्रस्ट” के सौजन्य से 10 फ़ैसिलिटी बोट को हरी झंडी दिखा कर वाराणसी भेजा गया। इन 10 फ़ैसिलिटी बोट में 5 जल शव वाहिनी, 3 जल-एम्बुलेंस तथा 2 वाटर टैक्सी के रूप में वाराणसी में संचालित होंगी।
वाटर टैक्सी से श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन और गंगा नदी में पर्यटन की सुविधा मिलेगी। वहीं, शव वाहिनियों से मणिकर्णिका एवं हरिश्चंद्र घाट पर पार्थिव शरीर लाना आसान होगा और इससे शहर के इन इलाक़ों की सड़कों पर यातायात का दबाव कम होगा। इन नावों के यहां पहुंचने पर नगर निगम क्रेन के माध्यम से उतारने की तैयारी में है। जल शव वाहिनी का संचालन एनडीआरएफ और जल पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से, जल एम्बुलेंस का संचालन एनडीआरएफ और स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जायेगा। वाटर टैक्सी का संचालन सिटी ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा कराये जाने पर विचार चल रहा है। उनके आने पर टैक्सी का यात्री वार किराया भी तय किया जाएगा ताकि ईंधन और संचालन जा व्यय यात्री टिकट से निकाला जा सके।
मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने दोनों संस्थाओं का धन्यवाद ज्ञापित किया है। उन्होंने कहा कि वाराणसी में जल शववाहिनी, जल-एम्बुलेंस एवं वाटर टैक्सी से निश्चित ही काशीवासियों एवं आगंतुकों की सुविधा के नए आयाम प्राप्त होंगे। गौरतलब हो कि भारतीय अन्तरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) और पर्यटन विभाग अस्सी से नमो घाट के बीच वाटर टैक्सी चलाने की तैयारी में है। इस दूरी में चार स्टेशन बनेंगे, जिनके लिए जलमार्ग प्राधिकरण फ्लोटिंग जेटी उपलब्ध कराएगा। प्राधिकरण के चेयरमैन संजय बंद्योपाध्याय और कमिश्नर कौशलराज शर्मा के बीच सहमति बन चुकी है।