राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत सोमवार देवराहा बाबा आश्रम में
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत सोमवार को प्रस्तावित कार्यक्रम स्थल विंध्याचल के देवरहा बाबा आश्रम कब पहुंचे, किसी को भनक तक नहीं लगी। राष्ट्र के उत्थान की कामना को लेकर सरसंघचालक तीसरी बार देवरहा बाबा आश्रम आए हैं। आठ फरवरी यानी मंगलवार को कलयुग के साक्षात देव रामदूत हनुमानजी को शुद्ध देशी घी से बना 51 मन का लड्डू चढ़ाएंगे और भारत को विश्व गुरू बनाने की कामना करेंगे। लड्डू काशी के कारीगर तैयार किए हैं। डा. मोहन भागवत का देवरहा बाबा आश्रम पर 27 फरवरी को शाम छह बजे आना प्रस्तावित था, लेकिन वे प्रयागराज से सड़क मार्ग से साढ़े चार बजे ही देवरहा बाबा आश्रम पहुंच गए और किसी को भनक तक नहीं लगी।
संघ के पदाधिकारियों से की मुलाकात
प्रोटोकाल से दो घंटे पहले पहुंचे सरसंघचालक मोहन भागवत ने देवरहा बाबा आश्रम पर थोड़ी देर विश्राम करने के बाद संघ के पदाधिकारियों से मुलाकात की। देवरहा बाबा के दर्शन के लिए आश्रम स्थित नए मंच पर पहुंचे।
देवरहा बाबा आश्रम पर कड़ी सुरक्षा
गौरतलब है कि सरसंघचालक ने गत पांच फरवरी को मुंबई में रविदास जयंती कार्यक्रम में कहा था कि भगवान ने किसी की जाति नहीं बनाई है। ब्राह्मणों ने जन्म के बाद लोगों को जातियों में बांटा है। इसको लेकर कुछ लोगों में आक्रोश है। आक्रोश भड़कने की आशंका के दृष्टिगत विंध्याचल के महुआरी कला स्थित देवरहा बाबा आश्रम पूरी तरह कड़ी सुरक्षा घेरे में है। सुरक्षा व्यवस्था इतनी तगड़ी है कि पक्षी भी पर नहीं मार पाएगा। हालांकि सरसंघचालक आश्रम पर ही रात्रि विश्राम करेंगे। मंगलवार को दर्शन-पूजन कार्यक्रम व शिलान्यास कार्यक्रम होगा।
मीडियाकर्मी भी दूर, मंगलवार को वापस जाएंगे प्रयागराज
यही नहीं, अटल चौक से आश्रम तक जगह-जगह पुलिस व पीएसी की ड्यूटी लगाई गई है। आश्रम पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश निषेध कर दिया गया है। यहां तक कि मीडियाकर्मी भी आश्रम से दूर थे। मोहन भागवत मंगलवार सुबह कार्यक्रम के उपरांत लगभग साढ़े दस बजे प्रयागराज के लिए प्रस्थान करेंगे।
मंगलवार को संकट विमोचन हनुमत दर्शन का करेंगे शिलान्यास
निर्माणाधीन ब्रह्म ऋषि देवरहा बाबा गीता मानस मंदिर पर रामचरित मानस व गीताजी की शिला लगनी है। शिलाओं पर मंत्र लिखे हुए हैं और अंदर की दीवारों पर रामायण, रामचरित मानस व गीता जी रहेंगे। इसका नाम संकट विमोचन हनुमत दर्शन है। इसमें केवल हनुमानजी है। सरसंघचालक दर्शन-पूजन करने के साथ शिला लगाएंगे।