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सीएसआईआर-एनपीएल के "वन वीक वन लैब" अभियान में जुटे दिग्गज

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सीएसआईआर-एनपीएल

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (एनपीएल), भारत का राष्ट्रीय मापिकी संस्थान (एनएमआई), 17 से 21 अप्रैल तक "वन वीक वन लैब" अभियान आयोजित कर रहा है। इस कार्यक्रम में उद्योग, व्यापार सहित अनेक क्षेत्रों से जुड़े दिग्गज हिस्सा ले रहे हैं। इस आयोजन में ऊर्जा, पर्यावरण, फार्मा और अन्य परिष्कृत यंत्रों और उपकरणों जैसे विभिन्न क्षेत्रों के प्रख्यात वैज्ञानिकों, टेक्नोक्रेट्स और उद्योगपतियों द्वारा वार्ता जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

सीएसआईआर-एनपीएल ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि इस आयोजन में विभिन्न उद्योगों और स्टार्ट-अप्स के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। सीएसआईआर-एनपीएल अपने शोधकार्य वह संस्थान की ओर से किए गए गए आविष्कारों के बारे में लोगों को अवगत करा रहा है।

सीएसआईआर-एनपीएल का कहना है कि संस्थान की ओर से विकसित कुछ उन्नत तकनीकों (जैसे अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकियां, नम्य कार्बन नैनोट्यूब पेपर, प्रिंट करने योग्य पेरोव्स्काइट सौर सेल, उच्च मात्रा पीएम10 प्रौद्योगिकी, आईआर क्लिनिकल थर्मामीटर आदि) को भी इस आयोजन के दौरान प्रदर्शित किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम की शुरुआत सीएसआईआर-एनपीएल के निदेशक प्रो. वेणुगोपाल आचंटा ने मंगलवार को स्वागत भाषण से किया। इस दौरान प्रो. वेणुगोपाल ने सीएसआईआर-एनपीएल की गतिविधियों और देश की सामाजिक आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाने में एनपीएल के योगदान के बारे में जानकारी दी। प्रोफेसर आचंटा ने वैश्विक स्वीकार्यता के लिए अपने उत्पादों को बेहतर बनाने के लिए औद्योगिक प्रतिभागियों को सीएसआईआर-एनपीएल में अपनी तकनीकी बाधाओं को लाने के लिए आमंत्रित किया।

प्रोफेसर आचंटा के बाद दो अतिथि वक्ता- डॉ मृगांशु गुहा, प्रमुख, टाटा स्टील लिमिटेड, एडवांस मैटेरियल्स रिसर्च सेंटर एंड टेक्नोलॉजी इंटेलिजेंस चेन्नई और एस के शॉ, ग्रुप मैनेजर, एनसीसीबीएम, बल्लभगढ़ ने सभा को संबोधित किया। डॉ गुहा ने टाटा स्टील में वर्तमान सामग्री अनुसंधान, एनपीएल के सहयोग और एनपीएल के साथ भविष्य के संभावित संयुक्त कार्य के बारे में बताया। शॉ ने सीमेंट और निर्माण सामग्री के क्षेत्र में बीएनडी की वैश्विक दृश्यता लाने में सीएसआईआर-एनपीएल की भूमिका को विस्तार से बताया है। डॉ अशोक ए. सोनकुसारे, उप. सलाहकार (विज्ञान और प्रौद्योगिकी और डिजिटल संचार), नीति आयोग, भारत सरकार इस आयोजन के विशिष्ट अतिथि थे और उन्होंने अनुसंधान और नवाचार के लिए वर्तमान सरकार की नीतियों के बारे में बात की।

AUTHOR :Parul Kumari

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