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वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अर्घ्य देकर नवसंवत्सर का स्वागत, गंगाघाटों पर वैदिक मंत्रों की गूंज

भारतीय नवसंवत्सर वर्ष 2080 (हिन्दू नववर्ष) का स्वागत

बाबा विश्वनाथ की नगरी में बुधवार को भारतीय नवसंवत्सर वर्ष 2080 (हिन्दू नववर्ष) का स्वागत गंगाघाटों पर सूर्योदय की लालिमा में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अर्घ्य देकर किया गया। सनातनी नववर्ष के स्वागत में पूरे शहर के प्रमुख चौराहों पर ॐ अंकित भगवा ध्वज लहरा रहे थे। चैत्र प्रतिपदा विक्रम संवत 2080 के स्वागत के लिए शहर में जगह-जगह शुभकामना बैनर, अल्पनाएं व रंगोलियां भी बनाई गई थी। लोग सूर्योदय के पहले ही गंगा में स्नान के बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तैयार रहे।

शंकराचार्य घाट पर बटुकों ने पारम्परिक परिधान में सूर्य नमस्कार और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उगते सूर्य को अर्घ्य देकर नववर्ष का स्वागत किया। सूर्य नमस्कार से पहले बटुकों ने बैंड की धुन के बीच झंडारोहण भी किया। इस दौरान घाट वैदिक मंत्रों से गुंजायमान रहा। घाट पर ही जयोतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सनातनी पंचांग का विमोचन भी किया। अन्य घाटों पर मां गंगा की आरती के साथ हवन पूजन कर देश में समृद्धि और सुख शांति की कामना की गई। दशाश्वमेध और अस्सी घाट पर भी विभिन्न आयोजन हुए।

उगते सूर्य को अर्घ्य देकर हिंदू नववर्ष का स्वागत,गंगा की सफाई
हिन्दू विक्रम संवत 2080 नव संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर बुधवार को नमामि गंगे व 137 सीईटीएफ बटालियन (प्रादेशिक सेना), 39 गोरखा राइफल्स गंगा टास्क फोर्स ने ब्रह्ममुहूर्त में भगवान सूर्य की आरती उतार अर्घ्य देकर हिंदू नववर्ष का भव्य स्वागत किया। सूर्यदेव के उदय होते ही गंगा जल से अर्घ्य देकर प्रकृति संरक्षण, देश में अमन-चैन, साथ-साथ सनातन संस्कृति के समृद्धि की भी कामना की गई । नमामि गंगे के सदस्यों ने 22 मार्च विश्व जल दिवस के अवसर पर भारतीय संस्कृति के अनादि काल से अनंतकाल तक के प्रवाह की साक्षी गंगा को फिर से अविरल निर्मल और सतत प्रवाह का लक्ष्य निर्धारित कर गंगा तलहटी की सफाई की । जल संरक्षण के लिए सभी को प्रेरित किया । गंगा जल में गंदगी न करने के लिए सभी को शपथ दिलाई ।

नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा संस्कृति का अमृत गान है । नव संवत्सर हमें हमारी समृद्ध सांस्कृतिक थाती से परिचित कराने और उसे सहेजने का भी अवसर देता है । नव संवत्सर सृष्टि का स्पंदन है । भारतीय अलौकिक संस्कृति का नया वर्ष लोक कल्याणकारी हो इसके लिए हमने प्रार्थना की है । इस दौरान गंगा टास्क फोर्स के कंपनी कमांडेंट सुशील गुहानी, सूबेदार शिवेंद सिंह भी मौजूद रहे।

AUTHOR :Parul Kumari

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