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अजय सिंह बिष्ट से योगी और उत्तराखंड से गोरखपुर पहुंचने की कहानी, ये रहे योगी आदित्यनाथ का सफर

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योगी आदित्यनाथ

यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है और सबसे बड़े राज्य के मुखिया है योगी आदित्यनाथ। आपको बता दे की योगी आदित्यनाथ दूसरी बार लगातर यूपी के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले सीएम है। आज यानी 5 जून सोमवार को योगी आदित्यनाथ का जन्मदिवस है आज योगी आदित्यनाथ 51 साल के हो गए  सन्यासी जीवन में पहले अपना जन्मदिन नहीं मनाते थे और अब उनके समर्थक जन्मदिन पर कार्यक्रम का आयोजन करते है आज हम आपको योगी आदित्यनाथ के उत्तराखंड से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर पहुंचने का सफर बताने वाले है।

अजय सिंह बिष्ट से बने योगी आदित्यनाथ


             
ये कम ही लोग जानते है कि योगी आदित्यनाथ का असल नाम अजय सिंह बिष्ट है सन्यासी जीवन के बाद उन्हे योगी आदित्यनाथ का नाम मिला था 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी में गढ़वाल जिले के पंचूर गांव में योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ था उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट फॉरेस्ट रेंजर थे माता सावित्री गृहणी है योगी आदित्यनाथ पाचं भाई बहनों  पांचवे नंबर पर आते है उनकी तीन बड़ी बहने है और योगी ने बचपन से ही विद्यार्थी परिदष के कार्यकर्ता के रुप में कार्य करना शुरु किया था यहीं वजह है कि हिंदुस्व के प्रति उनका लगाव शुरू हो गया।

कैसे बने योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ अक्सर वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लिया करते थे विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम के दौरान जहां गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ को मुख्य अतिथि के रुप में बुलाय गया था उस कार्यक्रम से देश भर से छात्र अपनी बात रखने पहुंच थे  जब योगी आदित्यनाथ ने अपनी बात शुरु की तो लोगों ने उनकी खूब सराहना की  उस वक्त महंत अवेद्यनाथ ने योगी आदित्यनाथ को अपने पास बुलाया और उनके पूछा कि तुम कहां से हो तब योगी आदित्यनाथ को महंत ने कहा कि कभी मौका मिले तो मिलने जरुर आना।

वेद्यानाथ महाराज भी उत्तराखंड के रहने वाले थे उनका गांव योगी आदित्यनाथ के गांव से 10 किलीमीर दूर था और वो पहली ही मुलाकात में प्रभावित हो गए योगी महाराज अवेद्नाथ से मिलने गोरखपुर गए थे फिर योगी ने वापस लौटकर ऋषिकेश में ललित मोहन श्मा कॉलेज के एमएससी में दालिखा लिया और फिर उनका मन गोरखपुर तपसथली की तरह घूमता रहा।

अवेद्यनाथ जब पड़े थे बीमार


ये वो वक्त था जब अवेद्यनाथ महाराज बीमार हो गए योगी उनसे मिलने गए अवेद्यनाथ जी महाराज ने उनसे कहा कि रामजन्म भूमि पर मंदिर के लिए लड़ाई लड़ रहे है मैं इस हाल में हूं मेरे मंदिर को देखने वाला कोई नहीं तब योगी ने उनके कहा की आप चिंता ना करें आपको को कुछ नहीं होगा मैं गोरखपुर जल्द आउंगा।

1998 में बने महंत अवेद्यनाथ के उत्तराधिकारी
साल 1992 में वह अपनी मां को गोरखपुर जाने की बात कहकर घऱ से चले गए थे और फिर साल 1994 मे वह गोरखपुर मंदिर के अवेद्यनाथ से दीक्षा लेकर योगी बन गए और सांसारिक जीवन को त्याग दिया और 22 साल की उम्र में योगी बन गए फिर उस वक्त अवेद्यनाथ ने उन्हे अपना उत्तराधिकारी घोषित किया जब उनकी उम्र 26 साल थी और फिर इसी साल लोकसभा प्रत्याशी के रुप में उन्होंने चुनाव लड़ा और सबसे कम उम्र मे चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी बने  1998 से मार्च 2017 तक योगी गोरखपुर के सांसद रहे फिर उनकी जीत का आकड़ा बदला और 2017 में यूपी के सीएम बने और फिर दौबारा 2022 में फिर यूपी के सीएम बने।
 

AUTHOR :Kajod Verma

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