श्री राम जन्मभूमि के अस्थायी मन्दि
राम नवमी के अवसर पर गुरुवार को दोपहर के 12 बजे श्रीराम जन्मभूमि परिसर स्थित अस्थाई मंदिर, कनक भवन व दशरथ महल सहित राम नगरी के सभी मठ मंदिरों में घंटा-घड़ियाल बजने लगा। भगवान का जन्म होते ही ‘भये प्रगट कृपाला, दीनदयाला कौशल्या हितकारी...की ध्वनि से पूरी अयोध्या एक साथ गुंजायमान हो उठी। इसी के साथ बधाई गीत, सोहर व ढोल नगाड़ों की थाप सुनाई पड़ने लगे।
मन्दिरों में जय श्री राम के जयघोष गूँजने लगे। साधु, सन्त, महन्त और श्रद्धालुओं के मध्य श्रीराम जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। रामनवमी के उत्सव में शामिल होने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु रामनगरी में जुटे हुए हैं। लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मां सरयू में डुबकी लगाई। मठ मंदिरों में चारों ओर आस्था, श्रद्धा, भक्ति भाव से ढोल नगाड़ों के बीच भक्त झूमते नजर आ रहे हैं।
श्री राम जन्मभूमि के अस्थायी मन्दिर में चैत्र प्रतिपदा से नवमी तिथि तक गर्भगृह में कलश स्थापना कर अखंड दीप जलाकर देवताओं का आह्वान किया गया। मुख्य पर्व पर आज रामनवमी के दिन रामलला को पंचामृत स्नान और इत्र का लेप लगाकर नवीन वस्त्र धारण कराया गया है। रामलला के जन्मोत्सव पर 56 भोग लगाया गया है।
उन्हें नवीन वस्त्र धारण कराकर सोने का मुकुट भी पहनाया गया। दोपहर 12 बजते ही वैदिक मंत्रोच्चारण और सनातन धर्म की परंपराओं के अनुसार रामलला की विशेष आरती और पूजन किया गया। मंदिर की सुरक्षा में लगे सभी सुरक्षा कर्मियों को पंजीरी प्रसाद का वितरण किया गया।
श्री राम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण स्थल को भी भव्य रूप से फूलों से सजावट कर भव्यता प्रदान की गई थी। इस अवसर पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी, सदस्य उपस्थित रहे। रामजन्मोत्सव का दूरदर्शन पर लाइव प्रसारण किया गया। क्योंकि रामजन्मोत्सव के समय सभी भक्तों को रामजन्मभूमि में रोकना संभव नहीं है। इसलिए लाइव प्रसारण के माध्यम से भगवान का जन्म भक्तों को दिखाया गया।
पर्व को सकुशल संपन्न कराने के लिए जिला व पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंजताम किए गए हैं। श्रद्धालुओं के अलावा साधु संत भी भगवान राम की भक्ति में लीन दिखे। अयोध्या के प्रमुख मठ-मंदिरों मणि राम क्षावनी, अशर्फी भवन, श्री राम बल्लभा कुंज, दशरथ महल और लक्ष्मण किला, सिया राम किला, सद्गुरु सदन, हनुमत निवास में भी धूमधाम से जन्मोत्सव मनाया गया। अनुमान है कि श्रीराम जन्मोत्सव पर लगभग 25 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पतित पावनी सरयू में स्नान किया है। जिला प्रशासन का दावा है कि दोपहर 12 बजे तक 25 लाख श्रद्धालु रामनगरी में मौजूद रहे।