महाकालेश्वर मंदिर
उज्जैन में मौजूद महाकालेश्वर मंदिर भारत में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है ये मंदिर देश का एक मात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है और इस मंदिर से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी है इस मंदिर में ना सिर्फ आम लोग बल्कि बडे बड़े सेलिब्रेटी भी यहां बाबा भोलेनाथ के दर्शन को आते है उज्जैन का ये मंदिर करीब 5000 साल पुराना है औऱ इसे अवंती, अवंतिका, नंदिनी और अमरावती के नाम से भी जानते है आज हम आपको महाकालेश्वर मंदिर से जुड़ी कुछ बाते बताने वाले है।
शिवपुराण की माने तो उज्जयिनी में दूषण का राक्षस था उससे यहां के लोग परेशान थे तभी भगवान शव की अराधना की और प्रार्थना की जिसके बाद शिव ने अपनी हुंकार से दषण राक्षस को भस्म किया और कहा जाता है कि भक्तों के वहीं रुकने की मांग से अभिभूत होकर भगवान शिव वहीं रुक गए और लिंग के रुप में विराजमान है।
क्यों कहते है मृत्युंजय मंदिर
श्री महाकालेश्वर मंदिर को पृथ्वी लोक का राजा कहा जाता है प्रलय, संहरा और काल के देवता हैऔर मृत्यु के मुंह में गए प्राणी को खींचकर वापस ला देते है इसलिए इन्हे मृत्युंजय महादेव भी कहत है आपको ये जानकर हैरान होगी की महाकेलश्वर ज्योतिर्लिंग कितना पुराना है ये श्रीकृष्ण के पलक नंद से आठ पीढी पहले महाकाल यहां विराजित हुए थे और महाभारत में भी इसका उल्लेख मिलता है मंदिर को द्वापर युग में स्थापित किया गया इसे 1000 वर्ष प्राचीन माना जाता है।
महाकाल उज्जैन के राजा
महाकाल को उज्जैन का राजा कहा जाता है और कहते है कि जिस व्यक्ति ने दुस्साहस करने की कोशिश की वो अकस्मात मौत हो गई और कोई भी यहां रात नहीं बिताता है।