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क्या कभी आपने सोचा कि आखिर मंदिर जाने के बाद पहले लोग घंटी क्यों बजाते है मंजिर के दरवाजे पर घंटिया क्यों लगी होती है आमतौर पर लोग मंदिर के अंदर जाने से पहले घंटिया जरुर बजाते है इसके बाद ही भगवान की पूजा और दर्शन करते है हिंदू धर्म में मंदिर में पूजा का खास महत्व है और ये परंपरा सदियों से चली आ रही है आज हम आपको मंदिर में घंटी बजाने के बारे में पूरी जानकारी देंगे। जब सुबह शाम मदिरों में पूजा और आरती होती है तो एक विशेष लय और धुन में छोटी बडी घंटिया बजाई जाती है और मान्यता है कि घंटी बजाने से मंदिर में स्थापित देवी देवताओं की मूर्तियों मे चेता जागृत होती है और पूजा और अराधना ज्यादा फलदाय और प्रभावशाली होती है।
क्या है इसके वैज्ञानिक कारण
पुराणों की माने तो मंदिर में घंटी बजाने से इसांनों के कई जन्मों के पाप नष्ट होते है और कहा जाता है कि जब सृष्टि की शुरुआत हुई थी तब नाद गूंजी थी औ आवाज घंटी बजाने पर भी आती है घंटी को उसी नाद का प्रतीक माना जाता है।
मंदिरों के बाहर लगी घंटिया और घंटे काल का प्रतीक है यह भी मना जाता है कि जब धरती पर प्रलय आएगा तो उस समय भी घंटी बजाने जैसा ही नाद वातावरण में सुनाई देगा और मंदिर में गंटी लगाए जाने के पीछे सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक वजह है।
कहा जाता है कि जब घंटी बजती है तो वातारण में कंपन पैदा होता है वायुमंडल कवी वजह से काफी दूर तक जाता है और इस कंपन से फायदा होता है इसकी सीमा के अंदर आने वाले जीवाणु, विषाणु और सूक्ष्म जीव आतदि ख़त्म होते है और मंदिर और उसके आस पास का वातारण शद्ध होता है।