हनुमान मंदिर
लखनऊ को नवाबों का शहर कहा जाता है और अपनी गंगा जमुनी तहजीब को लेकर भी माना जाता है लेकिन क्या आपने कभी ऐसा देखा कि किसी मंदिर पर हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल नजर आ जाए आज हम आपको लखनऊ के ऐसे ही ऐतिहासिक जगह के बारे में बता रहे हैं जहां सिद्ध पीठ मंदिर के शिखर पर नवाबों का लगाया हुआ चांद आज भी लगा है मंदिर के ऊपर चांद लगा होने के बावजूद आज तक यहां ना तो किसी तरह का विवाद हुआ और ना ही कोई एतराज और बवाल हुआ है।
हनुमान मंदिर
लखनऊ के अलीगंज में स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर मौजूद इस मंदिर का निर्माण 1783 में हुआ कहा जाता है कि यहां भगवान साक्षात रूप में हनुमान जी विराजमान है और इतना ही नहीं ऐसा कहा जाता है कि यहां की महंत को निर्माण कार्य के वक्त हनुमान जी ने साक्षात दर्शन दिए थे और इससे सिद्ध पीठ माना जाता है।
इस मन्दिर की बात करे तो इस मंदिर का सुंदरीकरण के दौरान ऊपर चांद लगाया था आज भी मंदिर के शिखर पर यह चांद मौजूद है हनुमान जी के नाम पर जहां भंडारे का आयोजन होता है और कहा जाता है इसकी शुरूआत नवाब वाजिद अली शाह और उनकी बेगम ने की थी।
जगन्नाथ मन्दिर
लखनऊ में भगवान जगन्नाथ का 200 साल पुराने एक मंदिर मौजूद है यह मंदिर काफी खास भी है जिसके गुंबद पर चांद लगवाया गया था जो आज भी मौजूद है मंदिर का इतिहास बेहद रोचक है मंदिर जहां बना है वहां पूरा इलाका सराय शेख नाम से प्रसिद्ध है कहा जाता है कि पहले यहां विधवा स्त्री रहती थी जो कि उड़ीसा पुरी यात्रा से लौटी उसका दोबारा जाने का बहुत मन था लेकिन बुढ़ापे की वजह से जगन्नाथपुरी नहीं जा पाई भगवान जगन्नाथ को अपना इष्ट मानती थी।
1 दिन महिला के सपने में भगवान जगन्नाथ आए और उन्होंने बताया कि यह एक रामगंगा है उसमें उनकी चतुर्भुज काले रंग की प्रतिमा है वहां से निकालकर मूर्ति को दर्शन के लिए एक मंदिर में स्थापित करें इस सपने के आने के बाद अगले दिन विधवा स्त्री वहा गई तो रामगंगा में सच में काले रंग की भगवान विष्णु की प्रतिमा मिली जिससे इस मंदिर को स्थापित किया गया और आज भी मंदिर मौजूद है और इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर के ऊपर चांद बना है जो नवाबों के द्वारा लगाया गया था।