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रातों रात खाली हो गया था जैसलमेर का ये गांव, कहां गायब हुए 5 हजार लोग

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कुलधरा गांव

जैसलमेर घूमने के लिए पर्यटकों की पहली पसंद है जैसलमेर में ऐतिहासिक इमारतें किले और डेजर्ट सफारी काफी प्रसिद्ध है लेकिन जैसलमेर में एक ऐसा रहस्य से भरा गांव मौजूद है जिसे लोग कुलधरा गांव कहते हैं ये गांव भारत का नहीं बल्कि दुनिया के भी सबसे भूतिया गांव में शामिल है।

200 साल के बाद भी यह काम आज तक बस नहीं पाया आज हम आपको कुलधरा गांव की पूरी कहानी बताएंगे कैसे रातों-रात 5000 लोगों ने इस गांव को खाली कर दिया था और आज भी ये गांव वीरान है राजस्थान के जैसलमेर से करीब 14 किलोमीटर की दूरी पर कुलधरा गांव मौजूद है यह पिछले 200 सालों से गिरान पड़ा है भूतिया जगह में इसे शामिल किया गया है।

पालीवाल ब्राह्मण समाज ने बसाया था गांव

पिछले 200 सालों से वीरान पड़े इस गांव को कभी साल 1300 में पालीवाल ब्राह्मण समाज ने सरस्वती नदी के किनारे बसाया था किसी समय इस गांव में काफी चहल-पहल हुआ करती थी लेकिन 200 सालों के बाद आज तक इस गांव में कभी चहल पहल नहीं हो पाई और ना ही कोई बसावट नजर आई।

क्या है इतिहास

कुलधरा गांव मूल रूप से ब्राह्मणों के द्वारा बताया गया था ये लोग पाली क्षेत्र से जैसलमेर चले गए थे कुलधरा गांव में ब्राह्मणों ने बसेरा जमाया था पाली के एक ब्राह्मण कधान ने सबसे पहले इस जगह पर अपना घर बनाया था और घर के पास तालाब भी खुदा जिसका नाम उधनसर रखा गया था ।

एक रात में कैसे गायब हुआ गांव

1800 के दशक में गांव मंत्री सलीम सिंह के अधीन एक जागीर राज्य हुआ करता था जो कर इकट्ठा कर लोगों के साथ धोखा करता था ग्रामीणों पर लगाए जाने वाले कर की वजह से यहां के लोग परेशान थे ऐसा कहा जाता है कि सलीम सिंह को ग्राम प्रधान की बेटी पसंद आ गई और गांव वालों को इस धमकी दे डाली कि अगर उन्होंने इस बात का विरोध करने की कोशिश की तो रास्ते में आए तो कर वसूल किया जाएगा  अपने गांव वालों की जान बचाने के साथ अपनी बेटी की इज्जत बचाने के लिए मुखिया समेत गांव रातों-रात फरार हो गया गांव वाले गांव को विरान छोड़कर किसी दूसरी जगह चले गए ऐसा कहा जाता है कि गांव वालों ने जाते समय गांव को श्राप दिया था कि यहां आने वाले दिनों में कोई नहीं रह पाएगा।

कुलधरा गांव आज ऐतिहासिक जगह में शामिल है यहां पर्यटक घूमने आते हैं अगर आप यहां आना चाहते है तो आपको यहां करीब 85 छोटी बस्तियां मिलेगी गांव की सभी झोपड़िया खंडहर में बदल गई है और आज तक यहां गांव नहीं बस पाया है।

क्या है टिकट


कुलधरा गांव सुबह 8:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक पर्यटकों के लिए खोला जाता है यह जगह भूतिया होने के चलते सूर्यास्त के बाद इसे बंद कर दिया जाता है अगर आप यहां घूमने आ रहे हैं तो आपको एंट्री फीस रूपये 10 प्रति व्यक्ति देनी होगी और अगर आप अंदर गाड़ी ले जाना चाहते हैं तो उसकी फीस रूपये 50 है।

AUTHOR :Kajod Verma

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