कान फिल्म अवॉर्ड जीतने वाली पहली इंडियन एक्ट्रेस कामिनी का 98 वर्ष की उम्र में निधन
पंकज धीर, असरानी और सतीश शाह जैसे दिग्गजों के बाद हिंदी सिनेमा को अभिनेत्री कामिनी कौशल के रूप में बड़ा झटका लगा है। उम्र और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते कामिनी का 98 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। बता दे, कामिनी कान फिल्म अवॉर्ड जीतने वाली पहली इंडियन एक्ट्रेस थी।
कामिनी कौशल का जन्म 24 फरवरी, 1927 को ब्रिटिश दौर के लाहौर में हुआ था। वह दो भाइयों और तीन बहनों में सबसे छोटी थीं। उनके पिता शिव राम कश्यप लाहौर स्थित पंजाब विश्वविद्यालय में बॉटनी के प्रोफेसर थे, जिन्हें भारतीय वनस्पति विज्ञान का जनक माना जाता है। साल 1946 में कामिनी कौशल ने फिल्म 'नीचा नगर' से हिंदी सिनेमा में कदम रखा था। यह पहली भारतीय फिल्म बनी, जिसने कान फिल्म समारोह में बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड जीता और पाल्मे डी'ओर पुरस्कार जीतने वाली एकमात्र भारतीय फिल्म बनी रही।
कामिनी कौशल 40 के दशक की सबसे कामयाब एक्ट्रेसेस में से एक थी। उन्हें साल 2022 में आउटलुक इंडिया की 75 बेस्ट बॉलीवुड एक्ट्रेसेस में शामिल किया गया था। वह आखिरी बार बॉलीवुड एक्ट्रेस आमिर खान और करीना कपूर स्टारर फिल्म लाल सिंह चड्ढा में नजर आई थीं।
उन्होंने 1946 से 1963 तक ‘दो भाई’ (1947), ‘शहीद’ (1948), ‘नदिया के पार’ (1948), ‘जिद्दी’ (1948), ‘शबनम’ (1949), ‘पारस’ (1949), ‘नमूना’ (1949), ‘आरज़ू’ (1950), ‘झंझर’ (1953), ‘आबरू’ (1956), ‘बड़े सरकार’ (1957), ‘जेलर’ जैसी फिल्मों में मुख्य भूमिकाएं निभाईं। (1958), नाइट क्लब (1958), और गोदान (1963)। 1963 के बाद से, वह कैरेक्टर रोल में दिखाई दीं और ‘शहीद’ (1965), ‘दो रास्ते’ (1969), ‘प्रेम नगर’ (1974), ‘महा चोर’ (1976), और ‘अनहोनी’ (1973) जैसी फिल्मों में अपने दमदार अभिनय की हिंदी सिनेमा पर छाप छोड़ी।