FATF ने PAK को चेताया, कहा - ग्रे लिस्ट से हटाए जाने का मतलब ये नहीं कि आतंक फंडिंग को लेकर पूरी तरह सुरक्षित'
पाकिस्तान हमेशा आतंकियों को पने देश में संरक्षण देता आ रहा है। फिर वह दुनिया के सामने यह जताता है कि वह आतंकवाद के खिलाफ है। आज भी हजारों आतंकियों को पाकिस्तान ने अपने देश में पनाह दे रखी है। वहीं, अब फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को चेतावनी दी। संस्था ने कहा कि पाकिस्तान ग्रे सूची से बाहर आ गया है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह आतंकवाद को वित्तपोषित करेगा।
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि अक्टूबर 2022 में ग्रे लिस्ट से हटाए जाने का मतलब यह नहीं कि वह मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को लेकर पूरी तरह सुरक्षित हो गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक FATF ने उस रिपोर्ट पर पाकिस्तान को फटकार लगाई है, जिसमें कहा गया है कि जैश-ए-मोहम्मद (JeM) महिलाओं को अपने संगठन में शामिल करने के लिए नया ऑनलाइन जिहाद क्लासेज शुरू करने वाला है। FATF ने शुक्रवार को अपनी ताजा बैठक में पाकिस्तान को चेतावनी दी कि उसे मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग रोकने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को लगातार पूरा करना होगा।
FATF की चेयरमैन एलिसा डी अंडा माद्राजो ने अपने बयान में कहा कि डिजिटल फाइनेंसिंग का दुरुपयोग कर आतंक नेटवर्क्स को समर्थन दिया जा रहा है और यह वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। वहीं FATF ने यह भी स्पष्ट किया कि आतंकी फंडिंग को लेकर निगरानी जारी रहेगी और किसी भी तरह की लापरवाही गंभीर परिणाम भुगत सकती है।
जानकारी में बता दे, पाकिस्तान को जून 2018 में FATF की ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था। इसके बाद उसने कई सुधार किए और अक्टूबर 2022 में इस सूची से बाहर आ गया था। हालांकि, FATF ने स्पष्ट किया कि आतंकी फंडिंग को लेकर निगरानी जारी रहेगी और किसी भी तरह की लापरवाही गंभीर परिणाम भुगत सकती है।