Israel पर क्यों भड़का अमेरिका और मुस्लिम देश ? नेतन्याहू को सुना दी खरी-खोटी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इजरायल और गाजा-हमास पीस डील बेहद बुरी तरह फ्लॉप होती नजर आ रही है। युद्धविराम के बीच भी इजरायल की गतिविधियां लगातार जारी हैं। खासतौर से वेस्ट बैंक में इजरायल की कब्जे की कोशिश ने मुस्लिम देशों को नाराज किया है। खाड़ी देशों ने इशारा किया है कि इजरायल के इस कदम से अब्राहम समझौता खत्म हो सकता है।
इजरायल की संसद (नेसेट) ने हाल ही में वेस्ट बैंक को अपने क्षेत्र में शामिल करने से जुड़े एक विधेयक को प्रारंभिक मंजूरी दी है। इस विधेयक के मुताबिक, इजरायल को वेस्ट बैंक को अपने हिस्से में विलय करने का अधिकार मिलेगा। 1967 से इजरायल का कब्जा इस क्षेत्र पर है, लेकिन अंतराष्ट्री स्तर पर इसे अवैध कब्जा माना जाता है।
कतर के विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि कब्जे वाले पश्चिमी तट पर इजरायली संप्रभुता थोपने और बस्ती बसाने के उद्देश्य से दो मसौदा कानूनों को लाना चिंताजनक है। कतर इसे फिलिस्तीनी लोगों के ऐतिहासिक अधिकारों का घोर उल्लंघन और अंतर्राष्ट्रीय कानून एवं संबंधित प्रस्तावों के लिए चुनौती मानता है।
क़तर के अलावा सऊदी अरब ने भी इन कानूनों को मंजूरी दिए जाने की कड़ी निंदा की है। सऊदी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि सऊदी अरब इजरायल की बस्तियों और विस्तारवादी उल्लंघनों को पूरी तरह से अस्वीकार करता है।
वहीं अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने इसे “अपमानजनक” बताते हुए कहा कि यह कदम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के खिलाफ है। उन्होंने इसे राजनीतिक रूप से बेहद मूर्खतापूर्ण फैसला करार दिया और कहा कि यह शांति प्रक्रिया के लिए खतरनाक हो सकता है।