इटली की PM जॉर्जिया मेलोनी के खिलाफ सड़कों पर उतरे Gen-Z, क्या होगा नेपाल-बांग्लादेश जैसा हाल ?
ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और पुर्तगाल ने फिलिस्तीन को औपचारिक तौर पर एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दे दी। इस कदम से जहां मिडिल ईस्ट के देश खुश हैं तो इटली में लोग सड़कों पर उतर आये। प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की दक्षिणपंथी सरकार ने फिलिस्तीन को मान्यता नहीं दिए जाने के खिलाफ देशभर में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। Gen-Z ने शहरों के स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया और ट्रेनों को रोक दिया गया।
दरअसल, इजराइल पिछले करीब चार सालों से गाजा पर लगातार हमले कर रहा है। इन हमलों में अब तक लाखों लोग जान गंवा चुके हैं और शहर में भुखमरी फैल गई। बच्चे कुपोषण का शिकार हो चुके है। ऐसे में लोग पलायन करने पर मजबूर हो रहे है। ऐसे में ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और पुर्तगाल ने 21 सितंबर 2025 को फिलीस्तीन को औपचारिक रूप से एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता दी है। इससे फिलिस्तीन को मान्यता देने वाले देशों की संख्या अब करीब 150 हो गई है।
वहीं इटली के नौजवान भारी संख्या में सड़कों पर उतरे और सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन कर रहे है। ऐसे में अब इसे यूरोप के सबसे बड़े राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों में से एक माना जा रहा है।
नेतन्याहू ने दी चेतावनी
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बेहद कड़े शब्दों में कहा, "कोई फिलीस्तीनी राज्य नहीं होगा। हमारी धरती के बीच में एक आतंकवादी राज्य को जबरन स्थापित करने की नई कोशिश का जवाब अमेरिका से लौटने के बाद दिया जाएगा... 7 अक्टूबर के भयावह नरसंहार के बाद फिलीस्तीनी राज्य को मान्यता देने वाले नेताओं के लिए मेरा स्पष्ट संदेश है: आप आतंक को एक बहुत बड़े पुरस्कार से पुरस्कृत कर रहे हैं।"