रूसी ड्रोन दिखने के बाद पोलैंड ने सीमा पर तैनात किये लड़ाकू विमान और सैनिक
रूस और यूक्रेन के बीच करीब चार सालों से चल रही जंग अब कई देशों तक फैलने की आशंका पैदा हो गई है। पौलेंड और रोमानिया में रूसी ड्रोनों के पहुंचने के बाद नाटो देश एक्टिव हो गए हैं। पोलैंड सरकार ने अपनी सीमा बंद कर दी और अपनी जमीन पर नाटो सैनिकों की तैनाती का फैसला लिया है।
द सन के अनुसार, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के रोमानिया में रूस की ड्रोन घुसपैठ को युद्ध का हिस्सा बताया। जिसके बाद पोलैंड ने नाटो सैनिकों की तैनाती का फैसला लिया है। पोलैंड प्रेसिडेंट करोल नवरोकी ने रूस के ड्रोन हमले के बाद मजबूती से देश की रक्षा की बात कही है। साथ ही नाटो के आर्टिकल-4 लागू किया है। पोलैंड ने दावा किया कि उसने सीमा के पास रूसी ड्रोनों का मुकाबला करने के लिए हेलीकॉप्टर और विमान तैनात किए हैं।
तनाव कैसे बढ़ा?
10 सितंबर 2025 में रूस ने पोलैंड की हवाई सीमा का उल्लंघन किया। बताया गया कि 21 रूसी ड्रोन पोलैंड में घुसे, जो यूक्रेन पर हमलों के दौरान भटके या जानबूझकर भेजे गए। ये ड्रोन बिना हथियारों के थे, लेकिन पोलैंड के विदेश मंत्री राडोस्लाव सिकोरस्की ने कहा कि पोलैंड ने तीन ड्रोन मार गिराए, इस करवाई में एक घर को नुकसान पहुंचा।
ऐसे में नाटो ने 12 सितंबर को 'ईस्टर्न सेंट्री' (पूर्वी पहरेदार) ऑपरेशन शुरू किया। नाटो महासचिव मार्क रुट्टे ने कहा कि रूस की हवाई लापरवाही बढ़ रही है। फ्रांस, जर्मनी, डेनमार्क, ब्रिटेन और नीदरलैंड्स ने पोलैंड को फाइटर जेट्स, एयर डिफेंस सिस्टम और सैनिक भेजे।
पोलैंड के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख कारोल नवरोकी ने नाटो सैनिकों को पोलैंड में तैनाती की अनुमति दी है। यह ऑपरेशन आर्कटिक से ब्लैक सी तक फैलेगा, ड्रोन और मिसाइल खतरों से निपटने के लिए। रूस ने इसे 'गलती' बताया, लेकिन पोलैंड ने कहा कि यह जानबूझकर था। यूक्रेन ने भी चेतावनी दी कि लगातार पुतिन की बेईमानी बढ़ रही है और यह अन्य देशों तक पहुंच रही है।