Thailand vs Cambodia War: जानिए वह मंदिर जिसके लिए दोनों देशों के बीच शुरू हुई जंग
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। दोनों पड़ोसी देश एक दूसरे पर लगातार गोलीबारी कर रहे है। ऐसे में दोनों ही देशो को नुकसान का सामना भी करना पड़ रहा है। अब बढ़ती जंग को देखते हुए शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आपातकालीन बैठक बुलाई है।
खबरों के अनुसार, इस जंग में अब तक 16 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दोनों देशों की सीमाओं पर हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है।
थाईलैंड सेना एक बयान में कहा, "कंबोडियाई सेना ने भारी हथियारों (क्लस्टर ), फील्ड आर्टिलरी और बीएम-21 रॉकेट सिस्टम्स का इस्तेमाल किया है।" बता दें,
आम नागरिकों पर इनके असर हो देखते हुए दुनिया के ज़्यादातर हिस्सों में क्लस्टर हथियारों पर प्रतिबंध है।
क्या है विवाद?
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच यह विवाद काफी पुराना है। यूनेस्को के मुताबिक़, कंबोडिया के मैदान पर ऊँचे पहाड़ के किनारे स्थित प्रेह विहेयर मंदिर हैम जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर अपनी बेहतरीन वास्तुकला का नमूना है, जिसका निर्माण 11वी सदी में हुआ था।
मंदिर के कुछ क्षेत्र पर थाईलैंड ने 1954 पहले अपनी सेना की तैनाती कर दी। इसके बाद दोनों देशो में विवाद बढ़ता गया। कंबोडिया ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में शिकायत की थी कि थाईलैंड ने प्रेह विहेयर मंदिर के खंडहरों से घिरे उसके क्षेत्र के एक हिस्से पर क़ब्ज़ा कर लिया है। उसने कहा यह मंदिर नागरिकों के लिए धर्म और आस्था का केंद्र है।
कोर्ट ने कंबोडिया के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि थाईलैंड को वहां तैनात अपनी सेना को हटाना होगा और साल 1954 के बाद मंदिर से हटाया गया सबकुछ कंबोडिया को लौटाना होगा।
अब हाल ही में दोनों देशो के बीच तनाव ऐसे समय में शुरू हुआ जब एक दिन पहले ही सीमा पर एक लैंडमाइन विस्फोट में एक थाई सैनिक घायल हुआ था, जिसके बाद थाईलैंड ने कंबोडिया से अपने राजदूत को वापस बुला लिया। अगले दिन से दोनों देशो के बीच गोलीबारी शुरू हो गई, जो धीरे-धीरे बड़ी जंग का रूप ले रही है।