Hariyali Teej 2025: इस साल हरियाली तीज पर दुर्लभ रवि योग! अगर आप भी पहली बार व्रत रख रही हैं, तो जान ले ये सारी विधि और नियम..
हिंदू धर्म में हरियाली तीज का त्योहार बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती के दिव्य मिलन का प्रतीक है। महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और पति की लंबी आयु की कामना के लिए कई व्रत रखती हैं और हरियाली तीज भी उनमें शामिल है। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाती है, जिनके आशीर्वाद से वैवाहिक जीवन में सुख, मधुरता और प्रेम आता है। उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज के अनुसार, इस बार यह तीज और भी खास होने वाली है। क्योंकि इस दिन रवि योग बन रहा है। ऐसे में, अगर आप पहली बार हरियाली तीज का व्रत रख रही हैं, तो आइए जानते हैं कि आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
वैदिक पंचांग के अनुसार, हरियाली तीज सावन शुक्ल तृतीया तिथि 26 जुलाई, शनिवार को रात्रि 10:41 बजे से प्रारंभ होगी, जो अगले दिन 27 जुलाई, रविवार को रात्रि 10:41 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के आधार पर, हरियाली तीज रविवार, 27 जुलाई को मनाई जाएगी।
हरियाली तीज का धार्मिक महत्व क्या है?
मान्यताओं के अनुसार, हरियाली तीज का व्रत अखंड सौभाग्य और वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। हरियाली तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष माना जाता है। हरियाली तीज का त्योहार भारत के कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। मान्यता है कि कठोर तपस्या और इसी व्रत को रखने के बाद ही माता पार्वती का विवाह भगवान शंकर से हुआ था। हरियाली तीज पर महिलाएं माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं।
माता पार्वती को ये खास चीजें जरूर चढ़ाएं
हरियाली तीज की पूजा के दौरान देवी पार्वती को अर्पित करने के लिए श्रृंगार की वस्तुएं अवश्य रखें। इस दौरान हरे रंग की साड़ी, हरी या लाल चुनरी साथ रखें। साथ ही सिंदूर, कंघी, बिछुआ, बिंदी, चूड़ियाँ, शंख, कुमकुम, मेहंदी, शीशा और इत्र जैसी चीज़ें भी साथ रखें।
अगर आप पहली बार व्रत रखने जा रही हैं, तो नियम जान लें।
हरियाली तीज का व्रत निर्जला रखा जाता है। अगर आप निर्जला व्रत नहीं रख पा रही हैं, तो आप फलाहार व्रत रखने का संकल्प भी ले सकती हैं। साथ ही, इस दिन हरे रंग का विशेष महत्व माना जाता है। इसलिए अपने श्रृंगार में हरे रंग को शामिल करें जैसे हरी चूड़ियाँ, बिंदी, हरी साड़ी आदि। इस खास दिन हाथों में मेहंदी लगाएँ। इससे साधक को माँ पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है।