Krishna Janmashtami पर कैसे तैयार करें भगवान का प्रसाद, रखें इन बातों का खास ध्यान
भगवान श्री कृष्ण के जन्म उत्सव को आज भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में जन्माष्टमी रूप में बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। इसलिए हर साल इस दिन को जन्माष्टमी के पूर्व के रूप मनाया जाता है। आज के दिन भगवान को 56 भोग अर्पित किये जाते है। लेकिन कान्हा को तो धनिये की पंजीरी और माखन भोग की सबसे ज्यादा पसंद है। तो चलिए जानते है इस भोग को कैसे तैयार करे -
धनिया पंजीरी का भोग बनाने की विधि
सबसे पहले धनिया बीज लें और उसको अच्छे से साफ़ कर ले। इसके बाद एक कढ़ाई में धीमी आंच पर बिना तेल के भूनें। भुने हुए बीजों को कढ़ाई से निकालकर ठंडा होने के लिए रख दे।
इसके बाद मिक्सर में डालकर बारीक पीस लें। इसमें मिश्री और इलायची के दानें पीसकर अच्छी तरह मिला लें। फिर एक कढ़ाई में शुद्ध गाय का घी गर्म करें और उसमें बादाम व काजू के टुकड़ों को हल्का गोल्डन होने तक भूनते रहे। इसमें धनिया का मिश्रण, मिश्री और इलायची का पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला ले। अब थोड़ी देर इसे ठंडा होने के लिए रख दे। इसके बाद कान्हा को भोग अर्पित करें।
इन बातों का रखें ध्यान
- भगवान को भोग लगाने से पहले एक-दो तुलसी का पत्ता जरूर रखें।
- भोग के साथ जल जरूर रखे।
- भोग लगाने के बाद भगवान से हाथ जोड़कर कहे "मेरे कान्हा आपके लिए मैंने अपने हाथों से बनाया है, इसे आप पावें।"
- इसके बाद पर्दा लगा दे और मंदिर से थोड़ा दूर आकर बैठ जाएं।