Shardiya Navratri 2025: कैसे करें पूजा और किन खास बातों का रखें ध्यान
हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व शक्ति की आराधना और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करके भक्त सुख, समृद्धि और शांति की कामना करते हैं। आइए जानते हैं नवरात्रि 2025 की तिथि, पूजा विधि और किन-किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
नवरात्रि 2025 कब है?
शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरुआत 23 सितम्बर (रात 01 बजकर 23 मिनट पर आरंभ) से होगी और इसका समापन 1 अक्टूबर को विजयादशमी (दशहरा) के साथ होगा।
- प्रतिपदा तिथि: 23 सितम्बर 2025 (मंगलवार)
- अष्टमी (महाष्टमी): 30 सितम्बर 2025 (मंगलवार)
- नवमी: 1 अक्टूबर 2025 (बुधवार)
- विजयादशमी: 1 अक्टूबर 2025 (बुधवार)
नवरात्रि में पूजा कैसे करें?
नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा के लिए कुछ प्रमुख चरण इस प्रकार हैं:
कलश स्थापना (घटस्थापना):
- नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में मिट्टी के बर्तन में जौ बोकर कलश स्थापित करें।
- कलश में जल, सुपारी, सिक्का, आम के पत्ते और नारियल रखें।
- इसे पवित्र स्थान पर स्थापित कर मां दुर्गा का आह्वान करें।
- दुर्गा माता की प्रतिमा या चित्र की स्थापना:
- मां दुर्गा का चित्र या मूर्ति साफ-सुथरे स्थान पर रखें।
- प्रतिदिन सुबह-शाम दीपक जलाएं और पुष्प अर्पित करें।
दैनिक पूजा:
- दुर्गा सप्तशती, देवी स्तुति, दुर्गा चालीसा या मंत्रों का पाठ करें।
- धूप, दीप, नैवेद्य और फूल अर्पित करें।
कन्या पूजन:
- अष्टमी और नवमी के दिन छोटी कन्याओं का पूजन करें।
- उन्हें भोजन कराएं और उपहार दें, इसे विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
नवरात्रि में ध्यान रखने योग्य खास बातें
- पूजा स्थल और मन दोनों को स्वच्छ रखें।
- नवरात्रि में सात्विक भोजन करें, लहसुन-प्याज से परहेज करें।
- मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की क्रमवार पूजा करें।
- संभव हो तो पूरे नौ दिन अखंड दीप जलाकर रखें।
- व्रत रखने वाले व्यक्ति जल, फल और हल्का भोजन लें।
- नवरात्रि में बुरे विचार, झगड़ा और नकारात्मक ऊर्जा से बचें।