You will be redirected to an external website

राखी बांधते समय इन नियमों का रखें ध्यान, लंबी होगी आपकी भाई की उम्र ..

Keep these rules in mind while tying a rakhi, your brother will live long...

राखी बांधते समय इन नियमों का रखें ध्यान, लंबी होगी आपकी भाई की उम्र ..

रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहन के प्यार, विश्वास और अटूट बंधन का प्रतीक है। यह दिन सिर्फ़ रक्षा सूत्र बांधने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें बहन का आशीर्वाद, भाई का वचन और दोनों के बीच भावनात्मक बंधन भी शामिल है। यह त्योहार हर साल सावन पूर्णिमा के दिन बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है, जब बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र, सुख और शांति की कामना करती हैं।

रक्षा बंधन की परंपरा भले ही साधारण लगती हो, लेकिन इसे मनाने के कुछ खास नियम और विधियाँ हैं, जिनका पालन करना ज़रूरी माना जाता है। इन नियमों को ध्यान में रखने से इस त्योहार का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व और भी बढ़ जाता है। आइए जानते हैं राखी बांधने से पहले किन ज़रूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि यह त्योहार और भी शुभ और यादगार बन सके।

राखी पर मुहूर्त का महत्व
हिंदू धर्म में शुभ कार्यों के लिए एक विशेष समय सारिणी होती है जिसे "मुहूर्त" कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि यदि कोई भी धार्मिक या पारंपरिक कार्य सही मुहूर्त में किया जाए, तो उसका फल कई गुना अधिक मिलता है। रक्षाबंधन जैसे पवित्र और भावनात्मक त्योहार पर यह नियम और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी सुख-समृद्धि और लंबी आयु की कामना करती हैं। लेकिन यह काम बिना सोचे-समझे कभी नहीं करना चाहिए, खासकर भद्रा काल के दौरान तो बिल्कुल नहीं।

भद्रा काल एक विशेष काल है, जो पंचांग के अनुसार निर्धारित होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रा शनिदेव की बहन थीं और उनका स्वभाव उग्र और अशुभ माना जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य करने से न केवल मनचाहा फल मिलता है, बल्कि कई बार इसके विपरीत परिणाम भी हो सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल में रावण की बहन ने उन्हें राखी बाँधी थी। इसके बाद रावण के जीवन में विनाशकारी घटनाएँ घटीं और अंततः उसका पतन हुआ। इस उदाहरण से स्पष्ट है कि भद्रा काल में राखी बाँधना शुभ नहीं माना जाता।

राखी बाँधने से पहले ये करें
गंगाजल से राखी शुद्ध करना एक बहुत ही महत्वपूर्ण परंपरा मानी जाती है। गंगाजल न केवल शारीरिक शुद्धि करता है, बल्कि इसमें आध्यात्मिक और दैवीय गुण भी होते हैं, जो किसी भी वस्तु को पवित्र बनाते हैं। जब बहन गंगाजल से राखी को शुद्ध करती है, तो वह उसे नकारात्मकता से मुक्त करके एक पवित्र और शक्तिशाली रक्षासूत्र में बदल देती है। यह राखी न केवल भाई की रक्षा करती है, बल्कि उसके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी लाती है।

बहनों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

रक्षाबंधन के दिन जब बहनें अपने भाइयों को राखी बाँधने की तैयारी करें, तो सबसे पहले उन्हें उस दिन का पंचांग देखना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह समय भद्रा काल से मुक्त हो। राखी बाँधने का कार्य तभी करें जब मुहूर्त शुभ हो, ताकि भाई की आयु, स्वास्थ्य और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे।

राखी बाँधने के नियम

रक्षाबंधन के दिन, सबसे पहले उस जगह को अच्छी तरह साफ़ कर लें जहाँ आप अपने भाई को राखी बाँधने वाली हैं। पवित्रता बनाए रखने के लिए, आप वहाँ आटे या रंगोली से एक चौक (शुभ आकृति) भी बना सकती हैं।

अब एक पूजा की थाली तैयार करें जिसमें रोली (तिलक, चंदन या कुमकुम), अक्षत (चावल), राखी, मिठाई और एक दीपक रखें। इसके बाद, अपने भाई को उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके चौकी या आसन पर बिठाएँ। आप भी उसी दिशा में मुख करके बैठें।

राखी बाँधने से पहले, भाई के सिर पर रुमाल या कपड़ा रखें। फिर उसके माथे पर रोली, चंदन और अक्षत का तिलक लगाएँ। अब उसके दाहिने हाथ पर राखी बाँधें और राखी बाँधते समय यह मंत्र बोलें: "ॐ येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्र महाबल: तेन त्वं कामितनामि रक्षे माचल माचल:"

इसके बाद भाई को मिठाई खिलाएँ और उसकी आरती उतारें। अंत में, भाई को बहन को प्रेमपूर्वक उपहार देना चाहिए, जो धन, वस्त्र या कोई भी वस्तु हो सकती है। यह पूरी रस्म भाई-बहन के रिश्ते को और मज़बूत बनाती है।

AUTHOR :KRISHNA SINGH

Keep the root of this plant in the safe of your house, then see how your life changes Read Previous

Vastu tips: अपने घर की तिजोरी मे ...

Sawan Somwar 2025: Offer these 7 things to Shivling on the last Monday of Sawan, every wish will be fulfilled Read Next

Sawan Somwar 2025: सावन के आखिरी सोम...