79th Independence Day: लाल किले से PM मोदी ने घुसपैठियों को ललकारा, कहा - बर्दाश्त नहीं...
79th स्वतंत्रता दिवस : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर तिरंगा फहराया। इसके बाद उन्होंने देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने 103 मिनट का सबसे लंबा भाषण दिया है, जो बतौर प्रधानमंत्री अबतक का सबसे लंबा भाषण बन गया। उन्होंने अपने भाषण में ऑपरेशन सिंदूर, अनुछेद 370, आरएसएस, टेक्नोलॉजी का जिक्र किया।
बता दे, PM मोदी ने शुक्रवार को लाल किले पर 12वीं बार ध्वजारोहण किया। उन्होंने कहा, 'आजादी का यह महापर्व 140 संकल्पों का पर्व है। आजादी का ये पर्व सामूहिक सिद्धियों और गौरव का पर्व है। हृदय उमंग से भरा हुआ है। देश एकता की भावना को मजबूती दे रहा है। 140 करोड़ देशवासी तिरंगे के रंग में रंगे हैं। हर घर तिरंगा है। भारत के हर कोने से, हिमालय हो या रेगिस्तान हो या समुद्र तट हो, हर तरफ एक ही गूंज है- हमारी प्राण से भी प्यारी मातृभूमि का जयगान है।' पल-पल के अपडेट्स के लिए बने रहिए एनबीटी ऑनलाइन के साथ।
घुसपैठियो को मिलेगा करारा जवाब: PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा, मैं आज एक चिंता और चुनौती के संबंध में आगाह करना चाहता हूं, सोची समझी साजिश के तहत देश की डेमोग्रॉफी को बदला जा रहा है, एक नए संकट के बीज बोए जा रहे हैं। ये घुसपैठिए मेरे देश के नौजवानों की रोजी रोटी छीन रहे हैं, मेरे देश की बहन बेटियों को निशाना बना रहे हैं। ये बर्दाश्त नहीं होगा.. ये घुसपैठिये भोले-भाले आदिवासियों को भ्रमित करके उनकी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं ये देश सहन नहीं करेगा।
इसलिए जब डेमोग्रॉफी परिवर्तन होता है सीमा के क्षेत्र में ये होता है तो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संकट पैदा होता है, सामाजिक तनाव के बीच बो देता है, कोई देश अपना देश घुसपैठियों के हवाले नहीं कर सकता है, तो हम भारत को कैसे कर सकते हैं, हमारे पूर्वजों ने त्याग और बलिदान से आजादी पाई है, उन महापुरुषों के लिए सच्ची श्रद्धा ये है कि हम घुसपैठियों को स्वीकार नहीं करें, उनको सच्ची श्रद्दांजलि होगी इसलिए मैं आज लाल किले की प्राचीर से कहना चाहता हूं कि हमने एक हाई पावर डेमोग्राफी कमिशन शुरू करने का निर्णय किया है, ये मिशन के द्वारा ये जो भीषण संकट नजर आ रहा है, उसको निपटाने के लिए तय समय में अपने कार्य को करेगा।
सरकार फाइलों में नहीं होनी चाहिए: मोदी
पीएम मोदी ने कहा, ‘सरकार फाइलों में नहीं होनी चाहिए। सरकार लोगों के जीवन में होनी चाहिए। कुछ लोगों को लगता है कि सरकार की योजनाएं तो पहले भी आती थीं, लेकिन हम सरकार की योजना को जमीन पर लाते हैं। जनधन अकाउंट का जिक्र करते हुए कहा, इससे आम व्यक्ति को यह विश्वास मिला था कि बैंक के दरवाजे हमारे लिए बंद नहीं हैं और मैं भी बैंक जा सकता हूं। आयुष्मान भारत के जरिए जब हम वरिष्ठ नागरिकों के आरोग्य की चिंता करते हैं। आज पीएम आवास के जरिए चार करोड़ लोगों को घर मिलना उनका सपना पूरा होने जैसा है।
नक्सलवाद खत्म किया
मोदी ने अपने भाषण में आगे कहा कि कभी 125 जिलों में नक्सलवाद अपनी जड़े जमा चुका था। माओवाद की चंगुल में हमारे जनजातीय क्षेत्र हमारे जनजातीय नौजवान फंसे हुए थे। आज 125 जिलों में कम होते होते हम 20 पर ले आए हैं। उन जनजातीय समाज की सबसे बड़ी हमने सेवा की है। एक जमाना था जब बस्तर को याद करते ही माओवाद, नक्सलवाद, बम बंदूक की आवाज सुनाई देती थी। उसी बस्तर में माओवाद नक्सल से मुक्त होने के बाद बस्तर के नौजवान ओलंपिक करते हैं।
अगर बच्चे खेलकूद में आगे होते हैं तो मां-बाप गौरव से भर जाते हैं. इस खेल को बढ़ावा देने के लिए नेशनल स्पोर्ट्स पॉलिसी – खेलो भारत नीति को लेकर आए हैं. स्कूल से लेकर कॉलेज तक हम पूरा ईकोसिस्टम डेवलप करना चाहते हैं, ताकि स्पोर्ट्स से जुड़े हर तरह के साधन बनाए जा सकें।
हमारी संस्कृति की ताकत विविधता में : मोदी
पीएम मोदी ने लाल किला से कहा, ‘हमारी संस्कृति की ताकत विविधता है, हम इस विविधता को सेलिब्रेट करने को आदत बनाना चाहते हैं. हमने प्रयागराज के महाकुंभ में देखा कि विविधता को कैसे जीया जाता है। एक स्थान पर करोड़ों लोग, एक ही प्रण, एक ही प्रयास. महाकुंभ की वह सफलता भारत की सफलता की दुहाई देती है। हमारा देश भाषाओं की विविधता से पुलकित है। इसलिए मैंने मराठी, असमिया, बांग्ला, पाली, प्राकृत को क्लासिकल लैंग्वेज का दर्जा दिया. हमारा मत है कि भाषाएं जितनी विकसित होंगी, हमारे नॉलेज को उतना ही बल मिलने वाला है।