अवैध कोयला तस्करी में एक बार फिर बड़ा नाम आया सामने, CISF ने ट्रक जब्त किया, पुलिस बनी मूकदर्शक।
पश्चिम बंगाल और झारखंड की सीमा पर स्थित डूबुडीही चेक पोस्ट एक बार फिर कोयला तस्करी को लेकर सुर्खियों में है। गुरुवार देर रात सीआईएसएफ ने एक ट्रक (संख्या WB 37 C 8548) को भारी मात्रा में कोयला लेकर जाते हुए पकड़ा। पूछताछ के दौरान ट्रक चालक संजय कुमार ने बताया कि यह वाहन खोकन घोष नामक व्यक्ति का है।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले भी आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र में इसी नाम से जुड़ा एक ट्रक पकड़ा गया था, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि खोकन घोष कोयला तस्करी का एक बड़ा सरगना हो सकता है।
ट्रक को CISF ने अपने कब्जे में लेकर संबंधित कागज़ात मांगे। चालक ने बताया कि वह झारखंड से माल लाकर डूबुडीही चेक पोस्ट के बाद ड्राइविंग कर रहा था, और यह माल रानीगंज ले जाया जा रहा था। हालांकि कागजातों की जांच में कई गड़बड़ियां पाई गईं, जिससे शक गहराता चला गया। CISF ने जब वाहन को पुलिस के हवाले करने की कोशिश की तो पुलिस ने टालमटोल रवैया अपनाया और काफी देर तक वाहन को अपने कब्जे में लेने से इंकार करती रही। अंततः शनिवार सुबह पुलिस ने सिर्फ औपचारिकताएं निभाईं और ड्राइवर को छोड़ दिया।
तस्करी का बड़ा नेटवर्क?
सूत्रों के अनुसार, हर रात डूबुडीही चेक पोस्ट से करोड़ों रुपये का कोयला रानीगंज, जमुड़िया, सालानपुर, दुर्गापुर और कोलकाता तक पहुंचाया जाता है। ट्रकों के कागज़ातों में हेराफेरी की जाती है और फर्जी दस्तावेजों के दम पर अवैध कोयला सप्लाई किया जाता है।
CISF की सतर्कता से एक बार फिर इस गोरखधंधे का पर्दाफाश हुआ है, लेकिन पुलिस की निष्क्रियता और तस्करों के प्रति नरमी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रश्न यह है कि आखिर खोकन घोष जैसे तस्कर पुलिस की पकड़ से बार-बार कैसे बच निकलते हैं? क्या इसके पीछे कोई मजबूत राजनीतिक या प्रशासनिक गठजोड़ है?
फिलहाल पुलिस मामले की जांच का दावा कर रही है, लेकिन लोगों में गहरी नाराजगी है और जवाबदेही की मांग की जा रही है।