Chhath Puja 2025 : चार दिवसीय व्रत आज से, जानिए शुभ मुहूर्त और होने वाले लाभ
आज से छठ महापर्व की चार दिवसीय पूजा आराधना की शुरुआत हो गई है। इस वर्ष छठ का पहला दिन ‘नहाए-खाए’ शनिवार से शुरू हुआ। देश के राज्यों में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। विशेष कर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में छठ पूजा का महापर्व बहुत उत्साह उमंग के साथ मनाया जाता है। कहा जाता है कि छठ पूजा पर्व नहीं बल्कि भावनाओं का समावेश भी है। यह पर्व शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि का प्रतीक है, जिसमें छठी मैया की विशेष कृपा बरसती है।
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक आज नहाय खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत हो रही है। जिसका शुभ मुहूर्त: सुबह 6:00 बजे से 8:00 बजे तक रहेगा, तो वहीं 26 अक्टूबर को खरना पूजा है और 28 अक्टूबर को छठ महापर्व का समापन होगा। जिसमें सूर्योदय और सूर्यास्त का शुभ मुहूर्त सूर्योदय- सुबह 06:28, सूर्यास्त- शाम 05:42, चन्द्रोदय- सुबह 09:50, चन्द्रास्त- शाम 07:58 होगा। 27 अक्टूबर को ढलते सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा तो 28 अक्टूबर को उगते सूरज को अर्घ्य देने का विधान है।
चार दिवसीय अनुष्ठान:
- पहला दिन (शनिवार): नहाए-खाए, स्नान और पूजा
- दूसरा दिन (रविवार): खरना, जिसमें व्रती प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास रखते हैं।
- तीसरा दिन (सोमवार): अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
- चौथा दिन (मंगलवार): उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर महापर्व का समापन।
महापर्व में बरसती है छठी मैया की कृपा:
छठ महापर्व के दौरान व्रती पर छठी मैया की कृपा बरसती है। छठ महापर्व खासकर शरीर, मन तथा आत्मा की शुद्धि का पर्व है। वैदिक मान्यताओं के अनुसार नहाय-खाय से छठ के पारण सप्तमी तिथि तक भक्तों पर छठी मैया की विशेष कृपा बरसती है। प्रत्यक्ष देवता सूर्य को पीतल या तांबे के पात्र से अर्घ्य देने से आरोग्यता का वरदान मिलता है। सूर्य की किरणों में कई रोगों को नष्ट करने की क्षमता होती है।