मल्टीप्लेक्स में 700 रुपये की कॉफी और 100 रुपये का पानी देने पर भड़का सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मल्टीप्लेक्स में खाने-पीने की चीजों पर ऊंची कीमत वसूलने पर चिंता जताई है। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर यही हाल रहा, तो सिनेमा हॉल खाली हो जाएंगे। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और अन्य की याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।
यह मामला कर्नाटक हाई कोर्ट के उस फैसले से जुड़ा है, जिसमें टिकट के दाम 200 रुपये तक सीमित करने का आदेश दिया गया था। जस्टिस नाथ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि जब एक पानी की बोतल 100 रुपये और कॉफी 700 रुपये में बेची जा रही हो, तो दर्शक सिनेमा देखने क्यों आएंगे? इस पर मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा, “ताज होटल भी कॉफ़ी के लिए 1000 रुपये लेता है, क्या आप वहां दाम तय करेंगे?”
जानकारी में बता दे, कर्नाटक हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 23 सितंबर को इस नियम के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी। इसके बाद डिवीजन बेंच ने 30 सितंबर को सिंगल बेंच के आदेश को कायम रखा, हालांकि कुछ अतिरिक्त शर्तें जोड़ीं हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें मल्टीप्लेक्स को बेची गई हर टिकट का विस्तृत और ऑडिट करने योग्य रिकॉर्ड रखने के लिए कहा गया था।
वहीं शीर्ष अदालत ने साथ में यह भी कहा कि ‘सिनेमाघरों में पहले के मुकाबले काफी गिरावट आई है, अगर दाम कम नहीं किए तो लोग आना बंद कर देंगे।’ उन्होंने कहा कि सिनेमा का आनंद हर वर्ग को मिलना चाहिए, सिर्फ अमीरों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। जब रोहतगी ने कहा कि महंगा लगे तो मल्टीप्लेक्स न जाएं, आप सामान्य सिनेमा हॉल जा सकते है, तो जस्टिस नाथ ने पलटकर पूछा अब सामान्य सिनेमा हॉल बचे ही कहां हैं?
मल्टीप्लेक्स मालिकों का कहना था कि ऑनलाइन बुकिंग और ऑटोमेटेड प्लेटफॉर्म के बढ़ते चलन के कारण, जहां पहले से ही डिजिटल रिकॉर्ड मौजूद होते हैं, ऐसे विस्तृत रिकॉर्ड रखना बहुत मुश्किल है।