दिल्ली में क्लाउड सीडिंग के बाद भी क्यों नहीं हुई बारिश? वजह आई सामने
राजधानी दिल्ली को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कृत्रिम बारिश का सफल परीक्षण किया, लेकिन बारिश नहीं हुई। अब इस पर दिल्ली सरकार ने वजह बताई है। बताया गया कि आईएमडी द्वारा पूर्वानुमानित नमी की मात्रा 10-15 प्रतिशत कम थी, जो क्लाउड सीडिंग के लिए आदर्श नहीं है।
बता दे, मंगलवार के दो नवीनतम प्रयास 23 अक्टूबर को किए गए पहले प्रयास के बाद किए गए हैं। यह क्लाउड सीडिंग भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग से मंजूरी मिलने के बाद ही की गई है। दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने का यह पहला पूर्ण प्रयास है।
दिल्ली में आज कैसा रहा AQI?
आंकड़ों के अनुसार, शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 305 पर रहा, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में है। एयर क्वालिटी इंडेक्स PM2.5 और PM10 जैसे प्रमुख प्रदूषण मानकों पर क्लाउड सीडिंग के बाद मामूली सुधार देखा गया है। क्लाउड सीडिंग से पहले मयूर विहार, करोल बाग और बुराड़ी में PM2.5 का स्तर 221, 230 और 229 µg/m³ दर्ज किया गया था। जो प्रक्रिया के बाद घटकर 207, 206 और 203 µg/m³ रह गया। इसी तरह, PM10 का स्तर इन क्षेत्रों में 207, 206 और 209 µg/m³ से घटकर 177, 163 और 177 µg/m³ हो गया।
3.21 करोड़ रुपये की लागत
दिल्ली कैबिनेट ने सात मई को पांच क्लाउड-सीडिंग परीक्षणों के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसकी कुल परियोजना लागत 3.21 करोड़ रुपये थी। यानी प्रत्येक परीक्षण की लागत लगभग 64 लाख रुपये।
AAP ने शुरू की राजनीति
AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने एक वीडियो जारी कर दिल्ली सरकार के इस ट्रायल पर सवाल खड़े किये। उन्होंने लिखा, 'बारिश में भी फर्ज़ीवाड़ा, कृत्रिम वर्षा का कोई नामुनिशान नहीं दिख रहा है. इन्होंने सोचा होगा देवता इंद्र करेंगे वर्षा। सरकार दिखाएगी खर्चा.' भारद्वाज ने कहा, 'इंद्र देवता भी सरकार का साथ नहीं दे रहे। कल शाम को थोड़ी बहुत बारिश हो भी रही थी लेकिन अब तो जो थोड़े बहुत बादल दिख रहे थे, वो भी चले गए।'