मंदिर या मकबरा? फतेहपुर में पूजा करने पहुंचे हिंदू संगठनों ने की तोड़फोड़
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में मंदिर- मकबरा विवाद ने अब तूल पकड़ लिया है। सोमवार को हिंदू समाज के लोगों ने मकबरे को तोड़कर भगवा झंडा फहरा दिया। जिसके बाद मुस्लिम समुदाय की तरफ से जमकर पथराव शुरू हुआ। दोनों पक्षों को शांत करने में पुलिस प्रशासन के भी हाथ पैर फुल गए। पुलिस ने इस मामले में 150 अज्ञात और 10 ज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
बता दे, सोमवार को हिंदी संगठन के लोग काफी संख्या में उस मकबरे को तोड़ने पहुंच गए। उनका दावा है कि इस जगह पर हजारों साल पहले भगवान शिव और श्रीकृष्ण का मंदिर था। हालांकि प्रशासन ने इस मामले को लेकर मकबरे की सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग लगाई थी। लेकिन ज्यादा भीड़ को रोक नहीं पाया।
इसके बाद हिंदी संगठन के लोगों ने मकबरे को छतिग्रस्त कर दिया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इसके बाद मुस्लिम समुदाय की तरफ से जमकर पथराव शुरू हो गया।
मकबरे पर मिले कमल और त्रिशूल के निशान
हिंदू संगठनों का कहना है कि मकबरे में कमल का फूल और त्रिशूल के निशान होने के सबूत मिले है, जो मंदिर होने का इशारा करते है। यहां पहले भगवान शिव और ठाकुर जी का मंदिर था। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि मंदिर में पूजा करने दें क्योंकि यह मंदिर हिंदुओं की आस्था का केंद्र है।
वहीं, मकबरे के मुतवल्ली मोहम्मद नफीस के अनुसार, अब्दुल समद मकबरा 500 साल पुराना है, जिसे अकबर के पोते ने बनवाया था। यहां अबू मोहम्मद और अबू समद की मजारें भी मौजूद हैं।
जिला प्रशासन ने दोनों पक्षों के मामले को गंभीरता से लेते हुए फिलहाल मौके पर कई थानों की पुलिस फोर्स तैनात की है। पुलिस अफसर मौके पर हिन्दू और मुस्लिम दोनो पक्षों से बातचीत कर मामले को शांत कर रहे है।