लोकसभा में पास हुआ New Income Tax Bill 2025, जानें क्या है खास
संसद के शीतकालीन सत्र में सोमवार को आयकर यानी इनकम टैक्स (नंबर 2) विधेयक लोकसभा में पास हो गया है। यह बिल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया। अब बिल को राज्य सभा और फिर राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
बता दे, यह बिल इनकम टैक्स कानून 1961 की जगह लेगा। अगले साल एक अप्रैल से नए कानून को लागू किया जा सकता है। वित्त मंत्री ने 13 फरवरी 2025 को लोकसभा में आयकर विधेयक, 2025 पेश किया था। भाजपा सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली प्रवर समिति ने इस विधेयक में कुछ बदलाव की सिफारिश की थी। इसके बाद बीते शुक्रवार को आयकर विधेयक, 2025 को सदन में वापस ले लिया गया था। इसके बाद आयकर अधिनियम, 1961 का स्थान लेने के लिए आयकर (संख्यांक 2) विधेयक, 2025 तैयार किया गया।
इस बिल के माध्यम से टैक्स कानून को आसान बनाने की कोशिश की गई है। पेज की संख्या आधी कर दी गई है और अप्रासंगिक हो चुके प्रविधान को हटा दिया गया है। छोटे टैक्सपेयर्स की सहूलियत का ख्याल रखते हुए उन्हें कुछ सुविधाएं भी दी गई और MSME को अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचने में मदद करता है।
आयकर (संख्या 2) विधेयक, 2025 – मुख्य बिंदु
-
लोकसभा में पारित – संसद के शीतकालीन सत्र में सोमवार को आयकर (नंबर 2) विधेयक, 2025 लोकसभा में पास हुआ।
-
पुराने कानून की जगह – यह बिल 1961 के आयकर अधिनियम की जगह लेगा, 1 अप्रैल 2026 से लागू हो सकता है।
-
पेश और संशोधन – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 फरवरी 2025 को विधेयक पेश किया था। प्रवर समिति (अध्यक्ष बैजयंत पांडा) ने कुछ बदलाव सुझाए।
-
सरलीकरण – पुराने कानून की तुलना में पेज संख्या आधी, भाषा आसान, अप्रासंगिक प्रावधान हटाए गए।
-
संशोधन पृष्ठभूमि – 1961 के कानून में 4,000+ संशोधन और 5 लाख से अधिक शब्द थे, जिससे यह जटिल हो गया था। नया विधेयक इसे 50% तक सरल करता है।
-
मुख्य बदलाव –
-
टैक्स रिफंड राहत – रिटर्न देर से भरने पर भी रिफंड का दावा संभव, TDS देर से जमा करने पर जुर्माना नहीं।
-
Nil-TDS सर्टिफिकेट – जिन पर टैक्स देनदारी नहीं है, वे अग्रिम में यह सर्टिफिकेट ले सकते हैं (भारतीय व अनिवासी दोनों)।
-
Commuted पेंशन स्पष्ट कटौती – एकमुश्त पेंशन भुगतान पर स्पष्ट टैक्स कटौती (LIC पेंशन फंड जैसे विशिष्ट फंड पर लागू)।
-
प्रॉपर्टी टैक्स नियम स्पष्ट –
-
मानक कटौती 30% तय।
-
गृह ऋण का ब्याज घटाया जाएगा।
-
किराये के मूल्यांकन में ‘उचित अपेक्षित किराया’ या वास्तविक प्राप्त किराया—जो भी अधिक हो, वही माना जाएगा।
-
-
MSME परिभाषा अलाइन – MSME अधिनियम (जुलाई 2020 संशोधन) के अनुसार:
-
सूक्ष्म उद्यम: निवेश < ₹1 करोड़, कारोबार < ₹5 करोड़।
-
लघु उद्यम: निवेश < ₹10 करोड़, कारोबार < ₹50 करोड़।
-
-
-
उद्देश्य – छोटे टैक्सपेयर्स व MSME को अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचाना और टैक्स कानून को सरल व स्पष्ट बनाना।