Kargil Vijay Diwas : शूरवीरों ने शौर्य, बलिदान और राष्ट्रभक्ति की अमिट लिखी कहानी
आज पूरा देश कारगिल विजय दिवस मना रहा है। इस दिन भारत माता के वीर सपूतों ने शौर्य, बलिदान और राष्ट्रभक्ति की ऐसी अमिट कहानी लिखी जो कभी मिट नहीं सकती। कारगिल युद्ध सैनिकों की वीरता की कहानी है, जिसपर हर भारतीय को गर्व होता है। इस युद्ध में हमारे सैनिकों ने पाकिस्तान को हराया बल्कि उसकी औकात से भू रुबरु करवाया।
26वीं वर्षगांठ
कारगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1999 में लड़ा गया था। लगभग 60 दिनों तक चले इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को हर मोर्चे पर चित किया था। भारतीय वीरों अपने पराक्रम से ऐसा परिचय दिया जिसे पाकिस्तान कभी नहीं भूल पायेगा। तो चलिए जानते है कुछ अहम बातें -
- मई 1999 में पाकिस्तानी सैनिकों ने कारगिल के बटालिक सेक्टर में घुसपैठ की।
- उन्होंने 14,229 फीट की ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया था ताकि श्रीनगर-लेह राजमार्ग को बाधित किया जा सके।
- उस समय देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे।
- जनरल वी. पी. मलिक भारत के सेना प्रमुख थे, जो कारगिल युद्ध को लीड कर रहे थे।
- भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय शुरू किया। भारत-पाकिस्तान के बीच 60 दिनों तक युद्ध चला।
- भारतीय सेना ने हर मोर्चे पर पाकिस्तान को चित किया।
- 26 जुलाई, 1999 को कारगिल की चोटियों भारत ने तिरंगा लहराया।
- इस जंग में 527 वीर योद्धा शहीद हुए, जबकि 1363 जवान आहत हुए थे।
इस जंग में भारतीय सैनिकों की गौरवपूर्ण जीत को "कारगिल विजय दिवस" के रूप याद किया जाता है।