अमेरिका ने पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई से रोका.... मुंबई हमले पर चिदंबरम का बड़ा कुबूलनामा
26/11 के मुंबई आतंकी हमले ने पूरे को हिलाकर रख दिया था। पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने 175 लोगों की जान ले ली थी। आज भी इस हमले के जख्म भरे नहीं, लेकिन उस वक्त की मनमोहन सिंह सरकार ने पाकिस्तान पर कोई जवाबी करवाई नहीं की थी। अब सालों बाद कांग्रेस ने कबूला है कि अमेरिका के दबाव के चलते भारत पाकिस्तान पर जवाबी करवाई नहीं पाया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तत्कालीन गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने एक चैनल को मंगलवार को दिए इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई न करने का फैसला अंतरराष्ट्रीय दबाव और विदेश मंत्रालय के रुख की वजह से लिया गया था।
चिदंबरम ने न्यूज चैनल को बताया कि "सरकार पर पूरी दुनिया का दबाव था। हमें युद्ध नहीं करने के लिए समझाया जा रहा था। तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस रहीं मुझसे और प्रधानमंत्री से मिलने के लिए आई। उन्होंने कहा, ‘कृपया जवाबी कार्रवाई न करें।’ राइस ने साफ तौर पर कहा कि भारत को कोई जवाबी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।
पी चिदंबरम ने खुलासा किया कि हमले के बाद सरकार के भीतर इस मुद्दे पर गहन चर्चा हुई। "मैंने जवाबी कार्रवाई पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य जिम्मेदार लोगों से चर्चा की थी। मनमोहन ने तो इस पर चर्चा हमले के दौरान ही कर ली थी। विदेश मंत्रालय का मानना था कि सीधा हमला नहीं करना चाहिए। इसके बाद सरकार ने कार्रवाई नहीं करने का फैसला लिया।"
बीजेपी ने किया कांग्रेस पर हमला
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने चिदंबरम के इंटरव्यू का एक हिस्सा एक्स पर शेयर कर कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारत और पाकिस्तान के सैन्य कमांडर के बीच सीधी बातचीत का नतीजा था, न कि किसी तीसरे पक्ष, जैसे अमेरिका का।
आज भी जख्म ताजा
26/11 मुंबई आतंकी हमले में 175 लोगों की जान गई थी। 60 घंटों तक 10 आतंकियों ने मुंबई की सड़कों, ताज होटल, सीएसटी रेलवे स्टेशन, नरीमन हाउस और कामा हॉस्पिटल को निशाना बनाया था। सुरक्षा बलों ने 9 आतंकवादियों को मार गिराया, जबकि एकमात्र जिंदा आतंकी अजमल कसाब को 2012 में फांसी दी गई। इस हमले के बाद तत्कालीन गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने सुरक्षा चूक की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था।