आज ही के दिन नरेंद्र मोदी ने संभाली थी गुजरात की सत्ता....कुछ इस अंदाज में किया याद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ही के दिन यानी 7 अक्टूबर 2001 को गुजरात की सत्ता अपने हाथों में ली थी। उन्होंने आज ही मुख्यमंत्री के रूप में गुजरात का कार्यभार संभाला था। PM मोदी तब से वह लगातार संवैधानिक पद पर बने हुए हैं। 2001 में गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद से वह बीते 24 सालों से जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं।
इस दिन खास दिन को याद करते हुए पीएम मोदी ने X (ट्वीटर) पर लिखा है, ''2001 में आज ही के दिन मैंने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। देशवासियों के निरंतर आशीर्वाद से, मैं सरकार के मुखिया के रूप में अपनी सेवा के 25वें वर्ष में प्रवेश कर रहा हूं। भारत की जनता के प्रति मेरी कृतज्ञता। इन सभी वर्षों में, मेरा निरंतर प्रयास रहा है कि हम अपने लोगों के जीवन को बेहतर बनाएं और इस महान राष्ट्र की प्रगति में योगदान दें जिसने हम सभी का पालन-पोषण किया है।''
आगे उन्होंने लिखा है, ''मेरी पार्टी ने मुझे बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में गुजरात के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी थी। उसी वर्ष राज्य एक भीषण भूकंप से जूझ रहा था। पिछले वर्षों में एक महाचक्रवात, लगातार सूखे और राजनीतिक अस्थिरता देखी गई थी। इन चुनौतियों ने जनता की सेवा करने और नए जोश और आशा के साथ गुजरात के पुनर्निर्माण के संकल्प को और मजबूत किया।''
पीएम मोदी ने बताया, जब मैंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, तो मुझे याद है कि मेरी मां ने मुझसे कहा था- मुझे तुम्हारे काम की ज्यादा समझ नहीं है लेकिन मैं बस दो चीजें चाहती हूं। पहला, तुम हमेशा गरीबों के लिए काम करोगे और दूसरा तुम कभी रिश्वत नहीं लोगे। मैंने लोगों से यह भी कहा था कि मैं जो भी करूंगा, वो नेक इरादे से करूंगा और कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति की सेवा करने के विजन से प्रेरित रहूंगा।
पीएम मोदी ने कहा, ये 25 साल कई अनुभवों से भरे रहे हैं। साथ मिलकर हमने उल्लेखनीय प्रगति की है। मुझे आज भी याद है कि जब मैंने मुख्यमंत्री का पद संभाला था, तब ऐसा माना जाता था कि गुजरात अब कभी आगे नहीं बढ़ पाएगा। किसानों समेत आम नागरिक बिजली और पानी की कमी की शिकायत करते थे। कृषि मंदी की चपेट में थी और औद्योगिक विकास ठप था। तब से, हम सभी ने मिलकर गुजरात को सुशासन का केंद्र बनाने के लिए काम किया।'' सूखाग्रस्त गुजरात, कृषि क्षेत्र में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला राज्य बन गया।
आगे उन्होंने लिखा, 2013 में मुझे 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने की जिम्मेदारी सौंपी गई। उन दिनों, देश विश्वास और शासन के संकट से जूझ रहा था। तत्कालीन यूपीए सरकार भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और नीतिगत पंगुता के सबसे बुरे रूप का पर्याय बन चुकी थी। भारत को वैश्विक व्यवस्था में एक कमज़ोर कड़ी के रूप में देखा जा रहा था। लेकिन भारत की जनता की सूझबूझ ने हमारे गठबंधन को प्रचंड बहुमत दिलाया और यह भी सुनिश्चित किया कि हमारी पार्टी को तीन दशकों के बाद पहली बार पूर्ण बहुमत मिले।
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि मैं एक बार फिर भारत की जनता को उनके निरंतर विश्वास और स्नेह के लिए धन्यवाद देता हूँ। अपने प्रिय राष्ट्र की सेवा करना सर्वोच्च सम्मान है, एक ऐसा कर्तव्य जो मुझे कृतज्ञता और उद्देश्य से भर देता है। हमारे संविधान के मूल्यों को अपना निरंतर मार्गदर्शक मानते हुए, मैं आने वाले समय में विकसित भारत के हमारे सामूहिक स्वप्न को साकार करने के लिए और भी अधिक परिश्रम करूँगा।