Online Gaming Bill संसद में बिना बहस के पास, पकड़े गए तो 1 करोड़ का जुर्माना
ऑनलाइन गेमिंग को लेकर सरकार दिनों-दिन सख्त कदम उठा रही है। इसी कड़ी में आज लोकसभा में विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच ऑनलाइन गेमिंग विधेयक पास हो गया। यह बिल भारत के तेजी से बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर पर कमर कसने के लिए लाया गया। इससे सट्टेबाजी वाले मनी गेम्स पर पूरी तरह से नजर रखी जाएगी। लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि इतने अहम बिल पर सदन में कोई बहस या चर्चा ही नहीं हुई।
लोकसभा में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ऑनलाइन गेमिंग एप्स प्रमोशन और रेगुलेशन बिल पेश किया। बिल पेश करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 11 साल में डिजिटल टेक्नोलॉजी भारत में बहुत तेजी से फैली है। इससे देश को नई पहचान तो मिली है, लेकिन कहीं न कहीं इसका दुरूपयोग भी किया जा रहा है। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि टेक्नोलॉजी से कई लाभ हैं, लेकिन इसका एक सेक्टर ऐसा है ऑनलाइन गेमिंग, जो बहुत महत्वपूर्ण सेक्टर बना है। इसपर नकल कसने की जरूरत है।
बिल पेश करते हुए मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देश को यह समझाने की कोशिश की कि सरकार गेमिंग के खिलाफ नहीं है, बल्कि वह सिर्फ सट्टेबाजी और जुए के खिलाफ है। उन्होंने गेमिंग सेक्टर को तीन हिस्सों में बांटा -
पहला सेगमेंट है ई-स्पोर्ट्स का सेगमेंट, जिसमें स्ट्रैटेजिक थिंकिंग बढ़ती है और व्यक्ति टीम में कोऑर्डिनेशन करना सीखता है। दूसरा सेगमेंट है ऑनलाइन सोशल गेम्स। हम सबने चेस, सॉलिटेयर, सुडोकू देखे हैं। ये एजुकेशन, मेमोरी बढ़ाने के लिए भी उपयोगी हैं। उन्होंने कहा कि तीसरा सेगमेंट ऐसा है, ऑनलाइन मनी गेम्स, जो आज समाज में बड़ी चिंता का विषय बना है। यह सेक्टर आज समाज में सबसे तेज़ी से फ़ैल रहा है। ऐसे में यह देश के भविष्य में चिंता का विषय बनता जा रहा है।
ऑनलाइन मनी गेम्स एक एडिक्शन होता जा रहा है। जीवनभर की बचत गेम में उड़ा दी जाती है। उन्होंने कर्नाटक में प्रकाशित एक हालिया समाचार रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सिर्फ कुछ ही महीनों में मनी-गेमिंग से संबंधित घटनाओं के कारण 32 लोगों की जान चली गई है। उन्होंने यह भी बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 'गेमिंग डिसऑर्डर' को एक मनोवैज्ञानिक स्थिति के रूप में वर्गीकृत किया है।