बिहार चुनाव में प्रशांत किशोर को सबसे बड़ा झटका, नहीं मिली एक भी सीट
बिहार विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी का जो हाल हुआ, वह किसी भी राजनैतिक दल का नहीं हुआ। 243 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने वाले प्रशांत किशोर पर जनता ने भरोसा नहीं दिखाया और एक भी सीट नसीब नहीं हुई। अधिकांश सीटों पर जमानत जब्त होने वाली है।
चुनावों में उन्होंने अपनी पार्टी के लिए 10 से भी कम सीटें या 170 से ज़्यादा सीटें जीतने का दावा किया था। PK ने कई चैनलों को इंटरव्यू में कहा था कि 'JDU को 25 सीट भी नहीं आएगी… अगर आती है तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।' लेकिन नतीजों ने उनकी भविष्यवाणी को उल्टा कर दिया। JDU 80 से ज्यादा सीटों पर जीतते नजर आ रही है। लेकिन इस समय जेडीयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थकों के लिए मज़ाक का बनकर रह गए।
उन्होंने बिहार में शिक्षा, रोज़गार और पलायन को बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश की थी। ऐसे में उनकी जन सुराज पार्टी का चुनाव चिह्न भी स्कूल बैग है। लेकिन यह एक मात्र चिह्न बनकर ही रह गया।
नीतीश से नजदीकी फिर दूरियां
- साल 2025 में प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार बने। लेकिन बाद में JDU के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने।
- उस दौरान चर्चा थी कि नीतीश प्रशांत किशोर अपना उत्तराधिकारी बनाना चाहते थे। CAA पर प्रशांत किशोर ने सरकार की जमकर आलोचना की और पार्टी से बाहर कर दिए गए।