राजस्थान सरकार ने धर्मांतरण के खिलाफ बनाया कठोर कानून, आजीवन कारावास और 50 लाख का जुर्माना
मुख्यमंत्री भजनलाल की सरकार जल्द ही प्रदेश में धर्मांतरण और लव जिहाद को रोकने के लिए नया कानून बनने जा रही है। इसके तहत 'राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025' का प्रारूप तैयार कर लिया गया है, जिसे आगामी विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा। भजनलाल कैबीनेट ने इस विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दे दी है।
इस नए कानून में धर्मांतरण पर 7 साल से 14 साल और आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान रखा गया है। साथ ही न्यूनतम 5 लाख रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं नाबालिग, दिव्यांग, महिला और एससी-एसटी वर्ग के खिलाफ अपराध होने पर न्यूनतम 10 वर्ष से अधिकतम 20 वर्ष की सजा और 10 लाख रुपये का जुर्माना प्रस्तावित है।
यह कानून बनने के बाद अगर कोई व्यक्ति या संस्था, किसी व्यक्ति पर मिथ्या निरूपण, कपटपूर्वक, बलपूर्वक, अनुचित प्रभाव या जबरन आदि का प्रयोग करके धर्म परिवर्तन नहीं करवा सकेंगे। अगर कोई व्यक्ति केवल विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन कराने के उद्देश्य से विवाह करता है, तो ऐसा विवाह मान्य नहीं होगा। विधेयक में अपराध की पुनरावृति पर आजीवन कारावास तक सजा एवं न्यूनतम 50 लाख रूपये का जुर्माना रखा गया है।
बता दे, सामूहिक धर्मांतरण के मामलों में राजस्थान सरकार का यह सब तक का सबसे सख्त कदम माना जा रहा है। इस फैसले के आवला भजनलाल की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित, मंत्रिमंडल एवं मंत्रिपरिषद् की बैठक में निर्णय किया गया कि प्रदेश में जल्द ही पीएम सूर्यघर 150 यूनिट निःशुल्क बिजली योजना लागू की जाएगी। इससे 1.04 करोड़ रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं को 150 यूनिट प्रतिमाह निशुल्क बिजली मिलेगी।