ASI संदीप लाठर ने अपने सुसाइड नोट में लिखा - वाई पूरन कुमार भ्रष्ट अधिकारी थे...
हरियाणा के चंडीगढ़ मेंआईपीएस वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के बाद एएसआई संदीप लाठर ने भी खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली, जिससे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। एएसआई के पास से सुसाइड नोट मिला, जिसमे लिखा है कि वाई पूरन कुमार भ्रष्ट अधिकारी थे और जातिवाद का सहारा लेकर सिस्टम को चलाते रहे थे। वहीं उन्होंने अपने सुसाइड नोट में डीजीपी शत्रुजीत कपूर को ईमानदार बताया है।
रोहतक में साइबर सेल में तैनात एएसआई संदीप लाठर ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को घटनास्थल से तीन पन्नों का सुसाइड नोट और एक वीडियो मैसेज मिला है। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और घटना स्थल से मिले नोट को फॉरेंसिक जाँच के लिए भेजा गया है।
एएसआई ने सुसाइड नोट में लिखा, 'संदीप कुमार S/O दयानन्द, गांव- जुलाना, जींद से हूं. मैने अपनी जिंदगी में हमेशा सच्चाई का साथ दिया है. मुझे सच्चा और नेक आदमी बहुत पसंद है. मेरे दादाजी और छोटे दादाजी देश के लिए लड़े और सेना में रहे. छोटे दादाजी तो 7 साल बर्मा में देश कि लड़ाई के दौरान कैद में रहे. मेरी रगों में देशभक्ति है. देश और समाज से बड़ा कोई नहीं है. मैं भगत सिंह को अपना आदर्श मानता हूं क्योंकि उन्होंने देश को आजाद करवाने में जगाया है. वह लीजेंड थे. अगर भगत सिंह जैसे ना होते तो देश क्या आजाद होता? वो भाग सकते थे लेकिन नहीं भागे. हमारी नस्लों को प्रेरणा देता है... आज समाज में एक बड़ा मुद्दा है भ्रष्टाचार और जातिवाद.... हमेशा सच्चाई और आदर्श में बाधित करते हैं. हरियाणा में IAS अधिकारी और व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार करते हैं परन्तु BJP कि सरकार में कुछ ईमानदार अफसर थे जिन्होंने काफी हद तक भ्रष्टाचार पर लगाम लगा दी है. जो डीजीपी साहब ईमानदार और निडर व्यक्ति हैं. शुरुआत में बहुत ज्यादा कठिनाईयां आई मुझे माहौल में ढलने में. पर मेरा मन हमेशा सत्य के साथ था और रहेगा.
उन्होंने आगे लिखा, 'हम अपराध पर लगाम लगाने में बहुत ज्यादा प्रयास किए और काफी हद तक बहुत से अफसरों का सहयोग मिला और अच्छा मार्गदर्शन मिला. सही के लिए प्रेरित किया ,परंतु आईजी पूरन कुमार का तबादला रोहतक रेंज में होते ही उन्होंने भ्रष्ट पुलिसकर्मियों की तैनाती आईजी दफ्तर में कर दी और ईमानदार और कर्मठ कर्मियों का तबादला कर दिया. उन्होंने जातिवाद का जहर हमारे मुलाजिमों में घोला. मुलाजिमों को आईजी दफ्तर में बुलाकर फाइलों के नाम पर डराकर पैसे लिए और बिना शिकायत के लिए रोहतक रेंज से फाइलें मंगाकर उनमें छोटी- मोटी कमियां निकालकर उन्हें मेंटली टॉर्चर किया. एसआईएस सुनील, गनमैन सुशील पैसे ऐंठते थे. महिला पुलिस को ऑफिस में बुलाकर ट्रांसफर के नाम पर परेशान करके यौन शोषण किया गया और सामान्य नागरिकों, व्यापारियों को बुलाकर फिजिकली और मेंटली टॉर्चर किया गया और मोटी रिश्वत ऐंठी गई. अपराध को बढ़ावा ही नहीं दिया बल्कि जुल्म की पराकाष्ठा की गई.'
अपने नोट में उन्होंने कहा, 'कोई आवाज उठाने की कोशिश करता तो कहता कि मेरा बाल भी बांका... घरवाली आईएएस है और साला एमएलए है और पूरी फैमिली एससी आयोग में है. मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा. यहीं से आईजी पूरन कुमार को भ्रष्टाचार करने की ताकत मिलती थी और उन्होंने दबाकर भ्रष्टाचार किया. उच्च अधिकारियों और सीएम की जानकारी में यह बात आने पर उनका ट्रांसफर किया गया. ट्रांसफर के बाद एक व्यापारी, जिसे बदमाशों और गुंडों द्वारा पहले भी धमकी दी गई थी, उसको अपने ऑफिस में बुलाकर बेइज्जत किया और मां-बहन की गालियां दी. उनके (व्यापारी) ऑफिस में जाकर गनमैन सुशील कुमार ने पैसे लिए जिसकी सीसीटीवी फुटेज और वॉयस रिकॉर्डिंग पेश करके जिसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. आईजी साहब का केस में नाम आने पर उन्होंने जातिगत आयोग का सहारा और राजनीतिकरण रंग देने के लिए झूठा सुसाइड नोट तैयार करके आत्महत्या की. जिस बारे में केवल गिरफ्तारी से बचने के लिए यह कदम उठाया और आईएएस वाले ईमानदार अफसरों को टारगेट करने का मौका मिल गया. पूरे हरियाणा में जातिगत जहर घोलकर ईमानदार और कर्मठ अधिकारियों को प्रताड़ित कर रहे हैं.''
अंत में एएसआई ने लिखा, 'यह सच्चाई और ईमानदारी की भ्रष्टाचार से लड़ाई है. इसमें सच्चाई सामने आनी चाहिए. आईएएस पत्नी अपना भ्रष्टाचार उजागर ना हो, संपत्ति की जांच ना हो, यह ढोंग कर रही है. परंतु सच्चाई नहीं हारनी चाहिए. यह हमारे देश और समाज के लिए आगे बढ़ने में बहुत ही जरूरी है. हमारे समाज के काले कव्वै और भ्रष्टाचारी इस लड़ाई को कम करने की कोशिश में हैं. यह भूल गए कि हमारी रगों में देशभक्ति कूट-कूटकर भरी हुई है. मेरे जैसे 100 जानें कुर्बान, लेकिन देश नहीं झुकेगा और सच्चाई की जीत होगी. इस सच्चाई और ईमानदारी की लड़ाई में मैं पहली आहूति दे रहा हूं.'
आपको जानकारी में बता दें, हरियाणा के पुलिस विभाग में तैनात ADGP वाई एस पूरन ने 7 अक्टूबर 2025 को चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
New Soucre: AAJTAK