रूसी राष्ट्रपति पुतिन जाते-जाते कह गए PM मोदी का नारा 'सबका साथ, सबका विकास'
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत का दो दिवसीय दौरा पूरा करके मॉस्को लौट गए हैं। इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच कुल 19 समझौते हुए। इसमें भारत-रूस आर्थिक सहयोग, ई-टूरिस्ट वीजा, न्यूक्लियर क्षेत्र में सहयोग, आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई, निवेश और तकनीक जैसे समझौते शामिल है।
अपने दौरे के दौरान उन्होंने ऐलान किया कि वह भारत को कच्चा तेल, नैचुरल गैस, रिफाइनिंग पेट्रोकेमिकल और न्यूक्लियर क्षेत्र में सप्लाई जारी रखेगा। वहीं दोनों देशों के बीच दूसरा बड़ा ऐलान सिविल न्यूक्लियर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर हुआ है।
खबरों के अनुसार, रूस ने भारत में Su-57 का लोकलाइज प्रोडक्शन करने का ऑफर दिया है। भारत की काफी समय से पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान Su-57 पर है। भारत अपने एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) प्रोजेक्ट के पूरा होने तक रूस से सुखोई-57 खरीद कर अपनी जरूरतें पूरी कर सकता है। बता दे, भारतीय वायु सेना को 42 स्क्वाड्रन (हर स्क्वाड्रन में 18 जेट्स) की जरूरत है, लेकिन अभी सिर्फ 31 स्क्वाड्रन ही काम कर रही हैं, ऐसे भारत को लगभग 200 जेट्स की जरूरत है।
सबका साथ सबका विकास
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत की दो दिवसीय यात्रा समाप्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'सबका साथ, सबका विकास' नारे को अपने 'साथ चलें, साथ बढ़ें' संदेश से दोहराया। डिनट पार्टी में पुतिन ने कहा, 'मैं जानता हूं कि भारत में वे कहते हैं, 'साथ चलें, साथ बढ़ें'। ये शब्द रूसी-भारतीय संबंधों की भावना, चरित्र और परंपराओं को बहुत सटीक रूप से दर्शाते हैं।