कोलकाता की सड़कों पर चिप्स बेचकर घर चलाऊंगी, कभी भीख नहीं माउंगी, 87 साल की शिला घोष
गरीबी और लाचारी अक्सर लोगों को भीख मांगने के लिए मजबूर कर देती है। और जब उसके आगे पीछे कोई सहारा नहीं हो तो, आज हम बात करेंगे 87 साल की शिला घोष की जो आज भी कोलकाता की सड़कों पर चिप्स बेचती हैं। पति और बेटे को खोने के बाद भी उन्होंने कभी भीख नहीं मांगी। हर शाम दो बसें बदलकर बाली से हल्दीराम के बाहर जाती हैं — सिर्फ ₹400 कमाने के लिए।
पति के मौत के बाद शिला को उम्मीद थी कि उसका बेटा उसके बुढापे का सहारा बनेगा लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। शिला ने अपने बेटे को पढ़ा-लिखाकर रेलवे में जॉब करने लायक बनाया लेकिन1993 में अचानक उनके बेटे को लंग्स की बीमारी हो गई। बेटे के इलाज के लिए शिला ने बैंक से लोन लेना चाहा लेकिन इसके कुछ दिनों बाद ही बेटे की भी मौत हो गई।
शिला भीख नहीं मांगना चाहती थी इसलिए कुछ समय बाद अपने पोते के साथ मोमबत्तियां बेचने लगी। लेकिन इससे कुछ फायदा नहीं हुआ। फिर उनका पोता और वो घर पर बनाए हुए चिप्स बेचने लगे। शिला की स्टोरी फोटोज सहित सोशल साइट्स पर शेयर की गई। लोग उनकी बहादुरी को सलाम कर रहे हैं। जब एक बुजुर्ग महिला काम कर घर चला सकती है, तो भीख मांगने वाले लोगों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।