SC ने आवारा कुत्तों पर फैसला सुरखित रहा, सरकार ने कहा - मीट खाकर कुछ लोग पशु प्रेम का दावा करते है
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में आवारा कुत्तों के मामले में सुनवाई शुरू हो गई है। सुनवाई शुरू होते ही अदालत ने डॉग लवर्स पर तीखा हमला किया। जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि संसद में कानून और नियम बनाते है। लेकिन उनका पालन नहीं किया जाता। कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने सुनवाई में केंद्र और कई एनजीओ की दलीलें सुनी और उसके बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी है। दिल्ली-एनसीआर में कुत्तों के काटने से बच्चों में रेबीज हो रहा है, जिसके चलते कई मौत जो गई। डॉग लवर्स पर सॉलिसिटर जनरल का कटाक्ष कहते हैं कि कुछ लोग चिकन, अंडा आदि खाते है और पशु से प्यार का दावा करते है।
उन्होंने कहा, डॉग लवर्स काफी कम में हैं और बाकी लोग मेजोरिटी में हैं। रोज 10 हजार लोगों को कुत्ते काटते हैं। सॉलिसिटर जनरल ने 37 लाख प्रति साल का आंकड़ा दिया। उधर कपिल सिब्बल ने कहा कि कुत्तों को पड़कर कर शेल्टर में डालने की बात है, लेकिन कोई शेल्टर बना भी नहीं। उन्होंने कहा 700 कुत्ते पहले ही उठा लिए गए भगवन जाने उनका क्या होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 8 हफ्तों में दिल्ली की सड़कों से आवारा कुत्ते हटाने का निर्देश दिल्ली सरकार को दिया था। बता दे, आवारा कुत्तों के मामले में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी 11 अगस्त के उस आदेश का विरोध किया, जिसमें अधिकारियों को आवारा कुत्तों को आश्रय गृहों में रखने का निर्देश दिया गया था।