इंडिगो संकट की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार, सरकार ने बनाई कमेटी
विमानन कंपनी इंडिगो पिछले सात दिनों से संकट के दौर से गुजर रही है। देश के हजारों लोग इंडिगो में अचानक आए इस संकट से बुरी तरह परेशान हुए हैं। अब तक 3900 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। ऐसे में यात्रियों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। यात्री एयरपोर्ट पर घंटो फ्लाइट का इंतजार किया और एक सवाल फिर सोशल मीडिया पर पूछा "क्या एक आम आदमी के समय की कोई कीमत नहीं?" इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर बड़ी टिप्पणी की है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में इंडिगो संकट पर सुनवाई की मांग करते हुए एक याचिका दाखिल की गई। लेकिन SC ने याचिका पर सुनवाई करने से साफ इनकार कर दिया। आज सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की बेंच के पास यह याचिका आई। उन्होंने इंडिगो के मौजूदा हालात पर चिंता जाहिर करते हुए इस परेशानी को देश के लिए बेहद गंभीर बताया। लेकिन SC ने सुनवाई से साफ इंकार कर दिया।
इंडिगो ने 7 दिसंबर को एक बयान जारी किया, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने संकट के पहले ही दिन स्थिति का जायजा लेना शुरू कर दिया था। इंडिगो के बोर्ड में एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ, नीति आयोग के पूर्व सीईओ और जी20 शेरपा अमिताभ कांत, सेबी के पूर्व चेयरमैन एम. दामोदरन और एफएए के पूर्व एडमिनिस्ट्रेटर माइकल व्हिटेकर जैसे दिग्गज शामिल हैं।
वहीं सरकार ने भी मामले को गम्भीरता से लेते हुए चार सदस्यीय कमेटी बनाई है जो इस पूरे मामले की जांच करेगी। रिपोर्ट 15 दिनों में DGCA को सौंपी जाएगी और DGCA ने CEO से 24 घंटे और जवाब देने का समय दिया है।