ट्रंप का भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ वॉर: सरकार के साथ खड़ा हुआ विपक्ष
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भारत पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ की दुनियाभर में जमकर आलोचना हो रही है। ट्रंप भारत और रूस के बीच क्रूड ऑइल डील से काफी समय से नाराज चल रहे थे। अब उन्होंने भारत द्वारा रूसी तेल खरीदे जाने से नाराज होकर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने के कागजों पर हस्ताक्षर कर दिए है। इस मुश्किल घड़ी में विपक्ष भी सरकार के साथ खड़ा हो गया है।
सरकार के साथ सभी राजनैतिक दल
विपक्ष के कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने "X" पर लिखा, "ट्रंप का 50 प्रतिशत टैरिफ आर्थिक ब्लैकमेल है। अनुचित व्यापार समझौते के लिए भारत को धमकाने का एक प्रयास है." उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि PM मोदी अपनी कमजोरी को भारतीयों के हितों पर हावी न होने दें।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ANI से बातचीत करते हुए कहा कि यह हमारे लिए कोई अच्छी खबर नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर हमारा कुल टैरिफ 50 फीसदी हो जाता है तो अमेरिका में बहुत से लोगों के लिए हमारे उत्पाद पहुंच से दूर हो जाएंगे। अगर नजर डालें तो वियतनाम, इंडोनेशिया, फिलीपींस, यहां तक कि बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों पर टैरिफ हमसे कम है। मुझे डर है कि जब अमेरिका के लोगों को कहीं और सस्ता सामान मिलेगा तो वे हमारे समान नहीं खरीदेंगे। यह हमारे निर्यात के लिए बहुत अच्छा नहीं है।
वहीं शिवसेना की राष्ट्रीय प्रवक्ता शाइना ने ANI से कहा, "हम तो यहां तक कह चुके हैं कि उसकी ऊर्जा नीति संप्रभुता और आवश्यकता, दोनों का मामला है। हमारा रुख़ यही रहा है कि हम राजनयिक माध्यमों से अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखते हुए निर्यातकों को समर्थन देने के लिए कदम उठाएंगे.. मुझे पूरा यकीन है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एनडीए टैरिफ बढ़ोतरी के मामले में डोनाल्ड ट्रंप को मना लेगा क्योंकि यह हमारी अपनी संप्रभुता, हमारी अपनी सुरक्षा का मामला है..."
AAP सांसद अशोक कुमार मित्तल भी सरकार के साथ आये और उन्होंने कहा, ‘हां, हम रूस से तेल खरीद रहे हैं, तो ट्रंप कौन होते हैं हमें रोकने वाले? वो खुद रूस से यूरेनियम और जरूरी मेटल्स खरीद रहे हैं। उनके यूरोपीय सहयोगी भी ऐसा कर रहे हैं। चीन भी रूस से तेल खरीद रहा है। ये दोहरा रवैया नहीं चलेगा। ट्रंप को अपने गैर-तार्किक आदेश और टैक्स वापस लेने होंगे।’
समाजवादी पार्टी के नेता रविदास मेहरोत्रा ने नाराजगी जताते हुएकहा, ‘यह भारत के लिए अच्छी खबर नहीं है। इससे देश को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिका के इस फैसले से निर्यात घटेगा, जिससे बिक्री और उत्पादन पर सीधा असर पड़ेगा।’
ट्रंप को भारत ने दिया जवाब : विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'अमेरिका ने हाल के दिनों में रूस से भारत के तेल आयात को निशाना बनाया है। हमने इस मुद्दे पर स्थिति पहले ही साफ कर दी है। हम यह तथ्स स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमारा इंपोर्ट मार्केट फैक्टर पर निर्भर करता है।'
उन्होंने कहा कि 'भारत का इंपोर्ट 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य को ध्यान में रखकर किया जाता है। ट्रंप की तरफ से उठाया गया कदम अनुचित और अविवेकपूर्ण है। भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा।'