उत्तराखंड में खत्म होगा मदरसा बोर्ड, जानिए पीछे का कारण
देहरादून। उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने अल्पसंख्यक शैक्षिक विधेयक-2025 को मंजूरी दे दी है। जिससे मुस्लिम के अलावा अन्य समुदायों को भी अल्पसंख्यक दर्जा मिलेगा। 19 अगस्त से प्रारंभ हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र में विधेयक को पेश किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में विधेयक को मंजूरी दी गई। इस विधेयक के तहत, प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ सिख, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के शिक्षण संस्थानों को भी अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान का दर्जा प्राप्त होगा।
विधेयक के तहत प्राधिकरण द्वारा अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान की मान्यता तभी प्रदान की जाएगी जब आवेदक आवश्यक शर्ते पूरी करेगा। कहीं भी उल्लंघन होने या शुल्क, दान, अनुदान या किसी अन्य वित्त पोषण स्रोत से प्राप्त धनराशि का दुरुपयोग पाए जाने पर उस संस्थान की मान्यता समाप्त कर कठोर करवाई भी की जा सकती है। बता दे, विधेयक 1 जुलाई, 2026 से प्रभावी होगा।
कांग्रेस नेता हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए इसे ‘कूप मंडूक सोच’ बताया, जबकि मदरसा बोर्ड अध्यक्ष ने फैसले का स्वागत किया और इसे लाभकारी बताया। रावत ने कहा, उत्तराखंड में सरकार मदरसो को खत्म करना चाहती है।