सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के 3 प्रावधानों पर लगाई रोक, जानिए फैसले में क्या-क्या कहा ?
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून पर फैसला सुनाते हुए कुछ धाराओं पर आंशिक रोक लगाई है। मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमने प्रत्येक धारा को दी गई प्रथम दृष्टया चुनौती पर विचार किया है। इसके बाद वक्फ कानून की धारा 3 और धारा 4 पर रोक लगा दी है। सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि हमारे पास पूरे कानून पर रोक लगाने का अधिकार नहीं है।
वक्फ कानून में कहा गया है कि वक्फ संपत्ति घोषित करने के लिए यह जरूरी है कि वह व्यक्ति 5 साल से इस्लाम धर्म का पालन कर रहा हो। कोर्ट ने इस प्रावधान पर रोक लगा दी है। CJI बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट बेंच ने फैसला सुनाया।
SC ने कहा है कि यह प्रावधान तब तक स्थगित रहेगा जब तक यह तय करने के लिए नियम नहीं बन जाते कि कोई व्यक्ति इस्लाम का अनुयायी है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के सभी प्रावधानों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हालांकि, कोर्ट का कहना है कि कुछ धाराओं को संरक्षण की ज़रूरत है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी कलेक्टर या कार्यपालिका को संपत्ति के अधिकार तय करने की अनुमति देना शक्तियों के पृथक्करण (separation of powers) के खिलाफ है।
मुख्य बिंदु
- सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 की कुछ धाराओं (धारा 3 और धारा 4) पर स्थगन (रोको) लगा दी है।
- अदालत ने यह स्पष्ट किया है कि यह निर्णय पूरे कानून की संवैधानिकता पर नहीं है।
- वक्फ बोर्ड के सदस्यों संबंधी कुछ निर्देश दिए गए हैं: बोर्ड का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) मुस्लिम समुदाय से होना चाहिए।
- वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या तीन से अधिक नहीं होगी, और कुल संख्या 4 से अधिक नहीं हो सकती।
- धारा 3(r): जो प्रावधान कहता है कि एक व्यक्ति को वक्फ बनाने के लिए कम से कम 5 वर्षों तक इस्लाम का अनुयायी होना चाहिए — इस शर्त पर स्थगन लगा दिया गया है, जब तक राज्य सरकारें नियम न बनाएँ कि “मुस्लिम का अनुयायी होना” कैसे प्रमाणित होगा।
- धारा 2(c) का वह भाग जिसे कहता है कि नामित अधिकारी की रिपोर्ट दर्ज होने तक संपत्ति वक्फ संपत्ति नहीं मानी जाएगी — इस प्रावधान पर भी स्थगन लगा है।
- धारा 3C: कलेक्टर को संपत्ति अधिकार निर्धारित करने का अधिकार देना संवैधानिक शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत का उल्लंघन हो सकता है — इस प्रावधान की क्रियान्विति पर रोक है।