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एशिया में कौनसा देश सबसे ज्यादा करता है कंडोम का इस्तेमाल, भारत या चीन ?

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एशिया में कौनसा देश सबसे ज्यादा करता है कंडोम का इस्तेमाल, भारत या चीन ?

कई देशों में आज भी मेडिकल स्टोर या समाज में कंडोम के नाम का इस्तेमाल खुलकर नहीं किया जाता। मेडिकल स्टोर पर अक्सर लोग कंडोम का पैकेट मांगने पर हिचकिचाते है। लेकिन समय के साथ कंडोम बढ़ता जा रहा है। आज हम आपको एशिया में सबसे ज्यादा कंडोम का इस्तेमाल करने वाले देशों के बारे में बताने जा रहे है - 

विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, एशिया में कंडोम का उपयोग (कॉन्सम्प्शन) और प्रति व्यक्ति उपयोग (‘per capita consumption’) दोनों मामलों में कुछ देश दूसरों से काफी आगे हैं। ताज़ा आँकड़ों से ये बातें स्पष्ट होती हैं:

कुल मात्रा के मामले में चीन (China) सबसे बड़ा उपभोक्ता है। चीन एशिया में कंडोम खपत का लगभग 42% हिस्सा लेता है। 

दूसरे स्थान पर भारत (India) है, जहाँ खपत चीन की तुलना में आधी है, लेकिन संख्या में भी बहुत बड़ी है - चीन की खपत लगभग 5.8 अरब यूनिट्स है, भारत की लगभग 2.4 अरब यूनिट्स। 

तीसरे स्थान पर तुर्की (Turkey) आता है, लगभग 701 मिलियन यूनिट्स की खपत के साथ।

प्रति व्यक्ति (Per Capita) उपयोग: कौन सबसे आगे है?

अगर सिर्फ कुल संख्या नहीं, बल्कि प्रति व्यक्ति उपयोग देखें, तो स्थिति कुछ अलग है:

  • संयुक्त अरब अमीरात (UAE) प्रति व्यक्ति उपयोग के मामले में एशिया में सबसे आगे है-लगभग 31 यूनिट्स प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष। 
  • उसके बाद तुर्की (Turkey) आता है — लगभग 8.1 यूनिट्स प्रति व्यक्ति।
  • फिर वियतनाम (Vietnam) — लगभग 5.7 यूनिट्स प्रति व्यक्ति, और थाईलैंड (Thailand) — लगभग 5.5 यूनिट्स।

कौन सा देश “सबसे ज्यादा” उपयोग करता है?

इसका उत्तर इस बात पर निर्भर करता है कि “सबसे ज्यादा” से आपका क्या मतलब है:

  • कुल यूनिट्स में भारत और चीन सबसे ऊपर हैं, और चीन सबसे बढ़िया स्थिति में है क्योंकि वहाँ की कुल खपत सबसे अधिक है।
  • प्रति व्यक्ति उपयोग के आधार पर UAE सबसे आगे है।
  • तो, अगर आप पूछ रहे हैं “कुल में”, तो उत्तर होगा चीन; अगर “प्रति व्यक्ति आधार पर”, तो संयुक्त अरब अमीरात।

सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक कारण

कंडोम उपयोग में विभिन्न देशों में अंतर के पीछे कई कारण हैं:

जनसंख्या और बाजार आकार
चीन और भारत जैसे देशों में लोगों की संख्या बहुत अधिक है। इसलिए भले ही प्रति व्यक्ति उपयोग कम हो, कुल मात्रा बहुत बड़ा हो जाता है।

आर्थिक स्थिति और क्रय शक्ति
अमीर देश जो कंडोम आयात या उच्च गुणवत्ता वाले कंडोम खरीद सकते हैं, वहाँ प्रति व्यक्ति उपयोग अधिक हो सकता है क्योंकि लोगों के पास खरीदने की क्षमता है।

स्वास्थ्य शिक्षा और जागरूकता
जहाँ सैक्सुअल हेल्थ और प्रजनन स्वास्थ्य पर शिक्षा अच्छी है, वहाँ कंडोम उपयोग अधिक होता है। उदाहरण के लिए, विकासशील देशों में शिक्षा और प्रचार अभियान के अभाव से उपयोग सीमित हो सकता है।

सांस्कृतिक/धार्मिक मान्यताएँ
कई देशों में कंडोम उपयोग पर कलंक (stigma) हो सकता है, या सेक्सुअल व्यवहारों, विवाह की स्थिति, शादी के बाद बच्चे चाहने की प्रवृत्ति आदि से जुड़े सामाजिक नियम हो सकते हैं, जो उपयोग को प्रभावित करते हैं।

सेवाओं की उपलब्धता
सरकारी स्वास्थ्य विभागों द्वारा मुफ्त या कम कीमत पर कंडोम उपलब्ध करवाना, दुकानों/फार्मेसियों में उपलब्धता, विज्ञापन एवं प्रसार (public awareness), ये सभी महत्वपूर्ण हैं।

स्थिति का महत्व और चुनौतियाँ

कंडोम सिर्फ गर्भनिरोध के लिए नहीं, बल्कि यौन संचारित रोगों (STIs), विशेषकर HIV, के संक्रमण को रोकने में भी महत्वपूर्ण उपकरण है।

कुछ क्षेत्रों में उपयोग बढ़ रहा है, लेकिन कई जगहों पर अभी भी प्रचार, सामाजिक स्वीकृति और लड़कियों/युवा महिलाओं की पहुँच में कमी है।

उदाहरण के लिए, भारत में एक रिपोर्ट कहती है कि विवाहित महिलाओं में कंडोम उपयोग का प्रतिशत बहुत कम है - लगभग 9.5% जैसी संख्या बताई जा रही है।

AUTHOR :Rahul Jangid

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