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Sawan special: 6 महीने बंद मंदिर में भी जलता रहता है अखंड दीप, जानें केदारनाथ का रहस्य
Sawan special: 6 महीने बंद मंदिर में भी जलता रहता है अखंड दीप, जानें केदारनाथ का रहस्य
केदारनाथ धाम, उत्तराखंड के चारधामों में एक पवित्र स्थल है, जहां शिव की उपस्थिति और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव होता है; मान्यता है कि इसकी यात्रा से मोक्ष की प्राप्ति होती है और यहां का दीपक हजारों वर्षों से रहस्यमय रूप से जलता आ रहा है।
कहा जाता है कि जो कोई भी जीवन में केदारनाथ की यात्रा करता है, उसे मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह बात शिव पुराण में भी वर्णित है कि केदारनाथ धाम की यात्रा से जीवन-मृत्यु के चक्र से मुक्ति संभव होती है।
हिंदू धर्म के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। यह मंदिर पंच केदारों में भी शुमार है, जिनका निर्माण पांडवों के पौत्र राजा परीक्षित के पुत्र महाराज जममेजा द्वारा करवाया गया था। इसके बाद मंदिर का जीर्णोद्धार आदि शंकराचार्य ने कराया था। यह मंदिर हर वर्ष लगभग छह महीने के लिए खुला रहता है, जो सामान्यतः मई की शुरुआत से अक्टूबर के अंत तक चलता है।
केदारनाथ मंदिर का एक रहस्य हजारों वर्षों से लोगों को हैरान करता आ रहा है। मंदिर के बंद रहने के छह महीनों के दौरान भी यहां का दीपक लगातार जलता रहता है। यह बात भक्तों और स्थानीय लोगों के लिए भी एक अनोखी और अद्भुत घटना है। दीपक की यह निरंतर ज्योति मंदिर की पवित्रता और दिव्यता को दर्शाती है।
मंदिर के बंद रहने के दौरान भी देवताओं की उपस्थिति
स्थानीय निवासियों का कहना है कि मंदिर के बंद होने के बाद भी केदारनाथ मंदिर से घंटियों की मधुर आवाज सुनाई देती है, जो यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा को और भी जीवंत कर देती है। पुराणों के अनुसार, जब मंदिर मनुष्यों के लिए बंद रहता है, तब देवतागण यहां पूजा-अर्चना करते हैं।
यही कारण है कि छह महीने मंदिर मनुष्यों के लिए खुला रहता है और शेष छह महीने देवताओं के लिए। इस रहस्य को आज तक कोई पूरी तरह से समझ नहीं पाया है, लेकिन यह माना जाता है कि इस दिव्य स्थल पर देवताओं की उपस्थिति हमेशा बनी रहती है।