बड़े-बड़े जहाजों को खींच लेता है ये रहस्यमयी मंदिर, जानिए ऐसा क्या है राज
धार्मिक मान्यताओं और धर्मों के अलावा भारत के तीर्थस्थल भी बहुत मशहूर हैं। भारत में अनेक रहस्यमयी मंदिर हैं, कुछ के बारे में हम जानते हैं लेकिन कुछ ऐसे मंदिर हैं जिनके रहस्य अब तक मानव दुनिया से अनछुए हैं। आज हम आपको देश के एक ऐसे ही रहस्यमयी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो आज भी वैज्ञानिकों और लोगों के लिए मिस्ट्री बना हुआ है।

कोणार्क का सूर्य मंदिर
सबसे पहले तो आपको इस मंदिर का नाम बता देते हैं। इस मंदिर का नाम है सूर्य मंदिर जोकि कोणार्क में स्थित है और इसे कोणार्क का सूर्य मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। भगवान सूर्य को समर्पित ये एकमात्र मंदिर है। इस मंदिर में 52 टन का चुंबक लगा हुआ है। कोणार्क मंदिर अत्यंत प्राचीन और पौराणिक है और देश-विदेश से श्रद्धालु इस मंदिर के दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर के गर्भगृह में भगवान सूर्य की मूर्ति स्थापित है लेकिन बहुत कम लोगों को ही इसके साक्षात दर्शन करने का सौभाग्य मिलता है।
कोणार्क का सूर्य मंदिर जिनके बारे में कहा जाता है कि इसमें 52 टन का चुंबक लगा हुआ है जोकि बहुत विशाल है। पौराणिक मान्यताओं के आधार पर इस मंदिर के शिखर पर चुंबकीयपत्थर लगा हुआ है जिसका वजन 52 टन है। कहा जाता है कि यह पत्थर समुद्र की उथल-पुथल और कठिनाईयों को कम करता है। सैंकड़ों दशकों से ये मंदिर समुद्र के किनारे मजबूती से खड़ा हुआ है।

एक समय पर इस मंदिर के मुख्य चुंबक को अन्य चुंबकों के साथ इस तरह से व्यवस्थित किया गया था कि मंदिर की मूर्तियां हवा में तैरती हुई नज़र आती थीं। इस पूरे मंदिर के निर्माण में चुंबकीयव्यवस्था की गई थी लेकिन जब इसके शिखर पर लगे विशालकाय चुंबकीयपत्थर को निकाला गया तो इस कारण पूरे मंदिर का संतुलन बिगड़ गया। इस वजह से मंदिर की कई दीवारें और पत्थर अपना संतुलन खोकर गिरने लगे थे।
इस मंदिर में लगे चुंबकीय पत्थर बड़े-बड़े जहाजों को अपनी ओर खींच लेता था। ओडिशा राज्य में स्थित ये मंदिर बहुत ही खूबसूरत और प्राचीन है।
ओडिशा राज्य में घूमने आने वाले सभी पर्यटक कोणार्क का सूर्य मंदिर जरूर जाते हैं।