19 साल की दिव्या देशमुख ने शतरंज की दुनिया में रचा इतिहास, बनी वर्ल्ड चैम्पियन
19 साल की दिव्या देशमुख ने शतरंज में रचकर इतिहास दुनिया के सामने देश का नाम ऊँचा किया है। दिव्या ने फिडे महिला चेस वर्ल्ड कप (FIDE Women's Chess World Cup) 2025 के फाइनल मुकाबले में कोनेरू हम्पी को हरकर एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की। वह ऐसा करने वाली हली भारतीय महिला बन गईं। उनकी इस जीत पर पूरा देश उन्हें सोशल मीडिया के जरिये बधाई दे रहा है।
बता दे, फाइनल मैच भारत की कोनेरू हम्पी के खिलाफ हुआ। दोनों के बीच शानदार मुकाबला देखने को मिला। इस ऐतिहासिक जीत के साथ ही दिव्या भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर (Grandmaster) भी बन गई हैं।
बता दें, ग्रैंडमास्टर की उपाधि शतरंज की दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित मानी जाती है। इस शानदार जीत के बाद दिव्या को इनाम के रूप में लगभग 43 लाख रुपये मिलेंगे, जबकि हम्पी को करीब 30 लाख रुपये मिलेंगे।
कौन है दिव्या देशमुख ?
दिव्या नागपुर की रहने वाली है और उनके माता-पिता डॉक्टर हैं। दिव्या को बचपन से ही चेस खेलना पंसद है। मात्र पांच साल की उम्र में उन्होंने 2012 में नेशनल अंडर-7 चैंपियनशिप जीती। इसके बाद दिव्या देशमुख ने पांच साल की उम्र में साल 2012 में नेशनल अंडर-7 चैंपियनशिप जीती। वह साल 2017 में ब्राज़ील में हुए अंडर-12 टूर्नामेंट में देश का नाम फिर रोशन किया। साल 2023 में उन्होंने इंटरनेशनल मास्टर और 2024 में वर्ल्ड जूनियर गर्ल्स अंडर-20 चैंपियनशिप जीती थी। यही नहीं दिव्या तीन चेस ओलंपियाड में गोल्ड मेडल भी अपने नाम कर चुकी है।