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बिहार से एजबेस्टन की पिच तक का सफर बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा, जाने पूरी कहानी

The journey from Bihar to the Edgbaston pitch was very challenging, know the full story

बिहार से एजबेस्टन की पिच तक का सफर बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा, जाने पूरी कहानी

गिल ने भले ही 400 से ज्यादा रन अकेले बनाए हों, लेकिन वो आकाश दीप ही थे, जिन्होंने इस बैटिंग फ्रेंडली विकेट पर कुल 10 विकेट चटकाकर एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी (Anderson Tendulkar Trophy) में टीम इंडिया की वापसी कराई. आपको बता दे आकाश दीप बिहार के सासाराम के रहने वाले हैं. बिहार में क्रिकेट के सीमित अवसरों ने आकाश दीप के करियर की राह सबसे ज्यादा मुश्किल की. उस वक्त बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) पर बीसीसीआई का निलंबन लागू था, जिस वजह से राज्य में उभरते क्रिकेटरों के पास कोई मंच नहीं था. बुनियादी ढांचे की कमी और प्रोफेशनल कोचिंग की अनुपस्थिति ने हालात और चुनौतीपूर्ण बना दिए.हालांकि, मुश्किलों के बीच भी आकाश का हौसला नहीं टूटा. उनके चाचा और कुछ दोस्तों ने उन्हें लगातार प्रेरित किया और क्रिकेट को गंभीरता से लेने का सुझाव दिया. 

साल 2010 में आकाश ने बड़ा फैसला लिया. बिहार छोड़कर पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर जाने का. वहां चाचा के सहयोग से उन्होंने एक लोकल क्रिकेट अकादमी में ट्रेनिंग शुरू की. शुरुआत में वह टेनिस बॉल क्रिकेट खेलकर कुछ आमदनी कर लेते थे, लेकिन दुर्गापुर में एक दोस्त के जरिए उन्हें एक क्लब टीम से जुड़ने का मौका मिला, जहां उन्होंने पहली बार लेदर बॉल क्रिकेट खेला.

धीरे-धीरे उनकी तेज़ गेंदबाजी पर लोगों की नज़र पड़ी और 2015 तक उन्होंने खुद को एक पेसर के रूप में स्थापित कर लिया था. इसके बाद आकाश दुर्गापुर से कोलकाता आ गए, जहां उन्हें क्रिकेट का कहीं अधिक कॉम्पिटिटिव माहौल और बेहतर सुविधाएं मिलीं. यहां उन्होंने यूनाइटेड क्लब और मोहन बागान एथलेटिक क्लब जैसे प्रतिष्ठित क्लबों का प्रतिनिधित्व किया. प्रोफेशनल कोचिंग, पिच और प्रतिस्पर्धा के बेहतर माहौल ने उनकी प्रतिभा को निखारने का काम किया. आखिरकार, 2016 में उनकी मेहनत रंग लाई और उन्हें बंगाल की अंडर-23 टीम में मौका मिला. इसके बाद आकाश ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और घरेलू क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन करते चले गए.

आकाश दीप ने एजबेस्टन में भी चेतेश्वर पुजारा के साथ पोस्ट मैच बातचीत के दौरान एक बड़ा खुलासा किया. उन्होंने अपना प्रदर्शन अपनी बहन को डेडिकेट करते हुए बताया कि वो पिछले दो महीने से कैंसर से जूझ रही हैं. साथ ही ये भी कहा कि मैच के दौरान बॉलिंग करते वक्त उन्हें अपनी बहन की ही स्मृति आ रही थी. ये सब बताते वक्त आकाश दीप थोड़े इमोशनल भी दिखे. अब तक 8 टेस्ट मैचों में आकाश ने 25 विकेट चटकाए हैं. 10 जुलाई को लॉर्ड्स में जब वो पहली बार खेलने उतरेंगे तो एक बार फिर सब की नजरें आकाश दीप पर ही होंगी. 

AUTHOR :KRISHNA SINGH

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