शिपयार्ड में बनाये जाने वाले बहुउद्देशीय पोत समर्थक को यार्ड 18001 और उत्कर्ष को यार्ड 18002 के रूप में पहचाना जायेगा।
बहुउद्देशीय पोत (एमपीवी) परियोजना के तहत एलएंडटी शिपयार्ड भारतीय नौसेना के लिए दो मल्टीरोल युद्धपोत समर्थक और उत्कर्ष बनाएगा। कट्टुपल्ली शिपयार्ड में सोमवार को इस परियोजना का शिलान्यास करके दोनों जहाजों का निर्माण शुरू करने की प्रक्रिया के रूप में कील बिछाने का समारोह आयोजित किया गया।
शिपयार्ड में बनाये जाने वाले बहुउद्देशीय पोत समर्थक को यार्ड 18001 और उत्कर्ष को यार्ड 18002 के रूप में पहचाना जायेगा। दोनों जहाजों का निर्माण करने के लिए आज हुए कील बिछाने के समारोह की अध्यक्षता चीफ ऑफ मैटेरियल वाइस एडमिरल संदीप नैथानी ने की। युद्धपोत उत्पादन और अधिग्रहण नियंत्रक वाइस एडमिरल किरण देशमुख, एलएंडटी के शिपबिल्डिंग बिजनेस हेड अशोक खेतान और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी भी इस मौके पर उपस्थित रहे।
भारत सरकार की 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' पहलों के अनुरूप एलएंडटी शिपयार्ड के साथ दो बहुउद्देशीय जहाजों के निर्माण का अनुबंध संपन्न हुआ। भारतीय नौसेना के लिए एलएंडटी शिपयार्ड में बनाये जाने वाले ये पहले युद्धपोत हैं। बहुउद्देशीय पोतों के लिए सभी प्रमुख मशीनरी, सहायक उपकरण और प्रणालियां स्वदेशी निर्माताओं से हासिल की जाएंगी। इससे देश के भीतर रक्षा उत्पादन और रोजगार सृजन को और गति मिलेगी। नौसेना के ये जहाज समुद्री निगरानी, गश्त, आपदा राहत और अभ्यास में भूमिका निभाएंगे।